
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती (MSc (Botany )
डाक्टर जीनी नार्लीकर एकखगोल शास्त्री – भौतिक विज्ञानी छन जन जौं विज्ञान तैं लोकप्रिय बणानो हेतु अंग्रेजी , हिंदी अर मराठी म विज्ञान संबंधी पुस्तक प्रकाशित करिन। जयंत विष्णु नार्लीकर को जन्म कोल्हापुर म 19 जुलाई 1938 कुण ह्वे। जयंत का पिताजी विष्णु नार्लीकर वनारस हिन्दू वि ० वि ० म गणित प्रोफेसर छा। जयंत की प्रारम्भिक शिक्षा वनारस म ह्वे अर स्नातक की शिक्षा वनारस वि ० वि ० बिटेन 1957 म अर्जित कार। स्नातक क उपरान्त जयंत कैम्ब्रिज वि वि लंदन चल गेन। 1963 म जयंत न पीएचडी डिग्री अर्जित कार। फिर किंग्स कॉलेज (कैम्ब्रिज ) म रामसे फेलोशिप क अंतर्गत खगोलशास्त्र अर खगोलभौतिकी म मास्टर डिग्री प्राप्त कार। जयंत क पीएचडी मार्ग दर्शक फ्रेड होयल न कैम्ब्रिज वि वि ० म एक नया इंस्टीच्यूट -थियरिटिकल इंस्टीच्यूट ऑफ़ एस्ट्रोनॉमी अर डाक्टर जयंत नार्लीकर तै इंस्टीच्यूट का स्थापना स्टाफ छा। लंदन म पढ़ाई म जयंत नार्लीकर न होयल -नार्लीकर सिद्धांत परिपादन कार।
1970 म डाक्टर जयंत नार्लीकर भारत बौड़ी ऐन अर टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान म कार्य करण लग गेन।
1988 म यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन को नियंत्रण पर डाक्टर जयंती विष्णु नार्लीकर न खगोलशास्त्र अर खगोलभौतिकी अंतर्विश्वविद्यालय केंद्र स्थापित कार अर तख 2003 तक प्रतिष्ठित अध्यापक रैन।
पुस्तके प्रकाशन
डाक्टर जयंत नार्लीकर न विज्ञान तै सामान्य जन पंहुचाणो हेतु कल्पित (फैंटासी ) वैज्ञानिक अर विशुद्ध वैज्ञानिक कथा प्रकाशित करिन।
“”Facts And Speculations In Cosmology (सहलेखक : Geoffrey Burbidge)
“Seven Wonders Of The Cosmos”
“Seven Wonders Of The Cosmos”
अंतराळातील भस्मासुर
अभयारण्य
अभयारण्य
आकाशाशी जडले नाते
गणितातील गमतीजमती
नभात हसरे तारे (सहलेखक : डॉ॰ अजित केंभावी आणि डॉ॰ मंगला नारळीकर)
टाइम मशीनची किमया
प्रेषित
यक्षांची देणगी
याला जीवन ऐसे नाव
टाइम मशीनची किमया
प्रेषित
यक्षांची देणगी
याला जीवन ऐसे नाव
युगायुगाची जुगलबंदी गणित अन् विज्ञानाची (आगामी)
वामन परत न आला
वामन परत न आला
सूर्याचा प्रकोप
व्हायरस इतर विज्ञानविषयक पुस्तकें
व्हायरस इतर विज्ञानविषयक पुस्तकें
विज्ञान आणि वैज्ञानिक
विज्ञानगंगेची अवखळ वळणे
विज्ञानाची गरुडझेप
विश्वाची रचना
विज्ञानाचे रचयिते
विज्ञानगंगेची अवखळ वळणे
विज्ञानाची गरुडझेप
विश्वाची रचना
विज्ञानाचे रचयिते
आत्मचरित
चार नगरांतले माझे विश्व “
सम्मान /पुरुस्कार
स्मिथ पुरुस्कार , 1962
पद्म भूषण 1965
ऐडम्स पुरुस्कार 1967
शांति स्वरूप भटनागर पुरुस्कार 1979
इंदिरा गांधी पुरूस्कार 1990
पद्म विभूषण 2004
महाराष्ट्र भूषण 2010 “