जु आजकाल
ढक्या मोर द्वार भी
खपचौणू
कुंडा बिछ्वा हलकौणू
दुरू बटिन ही सनकौणू
धै-धाद लगौणू
राजी खुशी पूछुणू
रिश्ता नाता फंटयौणू
मार-तांणी जोर लगोणू
कखि खितखित त कखि
दणमण र्वोंणू
अफुतै गरीब लाचार बतै
जनता तै भगवान बथाणूं
न्यौ-निसाफ की छ्वीं-बथ लगाणूं
बांजा पुंगण्यू बांण-कमाणै सार बथाणूं
नै-नै रोजगार धंधा बिजनिसा
सुपिना सजाणूं
मठ-मंदिरों घंड्वौळा खमणांणू
बुझ्यां दिवौ बतळा जगांणू
बरखा पणधारी मा भी हिटदि जाणू
कखि चा गिलास त कखि भात रोटी खांणू
गोरु भैस्यूं भी खपसांणू
अफुतै
परिवार कु सदस्य बथाणूं
होरु पर प्रश्नचिन्ह लगै
अफुतै माईका लाल चिताणू होलु
त जरूर चुनौ ऐगि होलु
अर सु जरूर नेता होलु।।।
—अश्विनी गौड़ दानकोट रूद्रप्रयाग