जुग जुग जीओ गंगासलाण पुत्र योगी आदित्यनाथ : जो तुमने तनावग्रस्त अयोध्या की छवि सकारात्मक करने की शुरुवात की
(तड़तड़ा अर मर्चण्या सवाल , तड़तड़ा अर कुल्ली खावो जबाब , उल्टु बामण अर खीर मा लूण , विरोधाभासी गढ़वाली लेख )
करैं कु करकराट : भीष्म कुकरेती
जब मायावती तिलकवाजुं , तलवारबाजुं अर तराजुबाजुं तैं जुतेक गद्दी पर झपाक से बैठ गे त वींन लखनऊ अर न्वाइडा जन जगौं मा हाथी शिलाऊं तै धरण शुरू कार तो मीन अपण विपणन लेखों मा तिलकबाजुं तै जुत्याण वळि जिंदादिल मायावती की बड़ै कार बल यी हाथी दलित स्वाभिमान उठाणम अर पर्यटन बढ़ाणौ बान कारगार साधन छन।
म्यार कति तिलकबाज , तलवारबाज अर तराजूबाज दगड़्योन तकरार बि कार, ऐतराज बि कार , तड़तड़ाट बि कार कि मि क्या तर्कहीन बात करणु छौं। म्यार दगड्यों तर्क छौ बल जथगा रुप्या उद्यान -हाथ्युं पर लगणु च उथगा रुप्या दलितों तै देकि दलितों भलो होलु। म्यार तर्क कुछ हौरि छौ। दलितों कि तंगतंगी, तड़फ अर गरीबी सात आठ सौ करोड़ से खतम नि ह्वे सकदी किलैकि गरीबी तो सापेक्षिक हूंदी।बौद्ध ,अम्बेडकर कांशीराम या मायावती उद्यान का हाथ्युं से दलितों आत्मस्वाभिमान बढ़लो तो दलित अफिक गरीबी दूर कारल।
फिर म्यार तर्क छौ बल हाथी पार्क से पर्यटन तै बढ़ावा मीलल। अर जरा लखनऊ जाओ तो हाथी पार्क नि दिखिल्या त तुम तै लगल कि तुमन बगैर तेलौ स्वाळ खै होला। थैंक यू मायावती सिस्टर ! तीन अजाण , कुजाण या राजकरणी स्वार्थ मा इ सै पर्यटन बढाणो बान इन भलो काम कौर दे जु अब अगनै सिस्टर ते से नि हूण। माया सिस ! थैंक्स अगेन फौर इनकरेजिंग टूरिज्म।
जब परार मुजफरनगर मा हिंदु -मुसलमानुं स्पौंसर्ड दंगा ह्वे छौ त कुछ समौ उपरान्त मौलाना मुलायम सिंग , मिंया अखिलेश , मौलवी शिवपाल यादव अर यादव विश्वविद्यालयौ इमाम राम गोपाल आदियूंन सैफई मा प्रोग्रैम कार त पत्रकार , तब कॉंग्रेस , भाजपा अर म्यार सेल्स -विपणन का दगड़्या यूं यादवी मौलाना , मौलवी अर इमामुं पर इन भड़कणा छन बुल्यां यूं यादवोंन कश्मीर पाकिस्तान तै दे दे ह्वाऊ।
मि तब बि मौलवी परिवार की प्रशंसा करणम अग्वाड़ी छौ। जब बि इन तरां का बृहद कायर्क्रम ह्वावन त पर्यटन तै एक ऊर्जा मिलदी , पर्यटन तै एक संबल मिल्दो अर भौत सा लोग पर्यटन विकासौ भागीदार बणिक पर्यटन तै बगैर सरकारी इमदाद का अग्वाड़ी बड़ाणा रौंदन। भौत सा नया लोग , नया निवेश अर आधुनिक तकनीक पर्यटन से जुड़ जांदन।
शुक्रिया मौलाना यादव परिवार ! स्वार्थ , अपण परिवारवादी राजनैतिक छवि वृद्धि का वास्ता या तन्नि गरूर दर्शन हेतु इ सै तुमन पर्यटन तै एक दिशा दे। हजार शुक्रिया।
अबि उत्तर प्रदेश मा ‘मेक इन इंडिया’ का तहत फैक्ट्री जन उद्योग आण कठण छन तो उत्तर प्रदेश मा द्वी उद्योगों तै सर्वाधिक सरकारी प्रश्रय मिलण चयेंद। एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर कु शिक्षा उद्योग अर पर्यटन उद्योग।
ब्याळि 18 अक्टोबर याने बग्वाळी दिन योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या मा गवर्मेंट स्पॉन्सर्ड राम राज्याभिषेक को जु कार्यकर्म ह्वे वो एक भौत ही प्रशंशनीय कार्यक्रम छौ। मि तै क्वी पूछो तो मि वर्ल्ड टूरिज्म अवार्ड का तहत योगी आदित्यनाथ तैं ‘ रिवाइवल औफ टूरिस्ट प्लेस अवार्ड ‘ द्योलु।
जी हाँ पता नी कथगा दशताब्दियुं बाद ब्याळि संसारौ समिण अयोध्या की सकारात्मक छवि प्रस्तुत ह्वे। निथर यां से पैलि त अयोध्या का नाम ल्यावो तो मन मा तनावग्रस्त , बंदूकधारी पुलिस अर मुस्लिम विरोध वळि अयोध्या की ही छवि बणदि छे। शांत राम की छवि वळि अजोध्या की जगा टेन्सन वळि छवि उतारणो वास्ता योगी आदित्यनाथ की जथगा बि प्रशंसा हो कम ही च।
अयोध्या मा ब्याळि जु लेजर शो ह्वे वु प्रशंसा से अधिक प्रशंसनीय छौ। मिथक तै दर्शाणो बान आधुनिक तकनीक की सहायता लीण सराहनीय कदम माने जालो . म्यार त मनण च यु शो रोज हूण चयेंद जां से उख रोज पर्यटक आवन।
अयोध्या मा त रोज रामलीला नाटक हूण चयेंद जन कि शेक्सपियर का गाँव मा रोज नाट्य मंचन हूंद उनी अयोध्या मा तीन चार जगा रोज रामलीला हूण चएंदन जाँसे उख रामलला दर्शन का अलावा पर्यटक रामलीला बि देख साकन। अयोध्या आधुनिक पर्यटक स्थल बण सकुद बशर्ते योगी सरकार सही माने मा अयोध्या मा पर्यटन विपणन नीति पर चल।
आण वळ चैतौ रामनवमी दिनों मा अजोध्या मा यां से बड़ो झळसा हूण चयेंद कि ये झळसा से अयोध्या की इन छवि बौण कि विदेशी राष्ट्राध्यक्ष जब बि भारत आवन तो ओ अयोध्या आणै इच्छा जतावन।