
(मनोविज्ञान को भारतीयकरण या एसियाकरण कर्ता )
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती (MSc (Botany )
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प्रोफेसर दुर्गानंद सिन्हा यूरोपीय मनोवैज्ञानिकों क मनोविज्ञान सिद्धांत पूर्वी ग्लोब पर थोपणो कट्टर विरोधी छा। देसज मनोविज्ञान सिद्धांत का संस्थापकों मध्य एक छा।
प्रोफेसर दुर्गानंद सिन्हा को जन्म बिहार म बनीली रियासत को राजघराना म 23 सितंबर 1922 कुण ह्वे। पटना विश्व विद्यालय बिटेन बीए (1940 ),बीए होंर्स (1943 ) एमए मुख्य विषय मनोविज्ञान (1945 ) की उपाधि अर्जित कार। 1946 म दुर्गानंद कैम्ब्रिज चल गेन अर तख बिटेन 1949 म मनोविज्ञान म एमएससी डिग्री प्राप्त कार।
कैम्ब्रिज से बौड़नो उपरान्त प्रोफेसर सिन्हा न पटना विश्वविद्यालय को मनोविज्ञान विभाग म शामिल ह्वेन। तब पटना विश्व विद्यालय म मनोविज्ञान शोध कुण क्वी विशेष संसाधन नि छा। किन्तु युवा दुर्गानंद तख शोध जारी राख। दुर्गानंद न ‘अ साइकोलॉजी स्टडी ऑफ़ रिपोर्ट्स ऐंड रयूमर्स ‘ शोध पत्र ब्रिटिश जॉर्नल ऑफ़ साइकोलॉजी (1952 ) म प्रकाशित कार अर विश्व भर म ख्याति अर्जित कार।
1958 म प्रोफेसर दुर्गानंद सिन्हा IIT खड़कपुर चल गेन। दुर्गानंद अपर शोध म लग्यां छा। ख्याति प्राप्त कर चूक गे छा। 1961 म दुर्गानंद न इलाहबाद विश्व विद्यालय म नियुक्ति पायी अर मृत्यु पर्यन्त तखि रैंन। प्रोफेसर सिंघा ये समय भौत सी देसज शिक्षण संस्थानों अर विदेशी संस्थानों म विजिटिंग प्रोफेसर बि रैन।
दुर्गानंद सिन्हा नेशनल अकैडमी ऑफ़ साइकोलॉजी स्थापना करण वळो मदे एक छा।
प्रोफेसर सिन्हा क निम्न पुस्तक प्रकाशित ह्वेन –
इंडियन विलेजेज इन ट्रांजिसन : : अ मोटिवेशनल एनालिसिस
साइकोलॉजी इन थर्ड वर्ल्ड कंट्री: द इंडियन एक्सपीरियंस
एसियन कंट्रीब्यूशन टु क्रॉस कल्चर साइकोलॉजी
साइकोलॉजी फॉर इण्डिया
एसियन प्रोस्पेक्टिवेस ऑन साइकोलॉजी
मैनेजमेंट ऐंड कल्चरल वैल्यूज : द इंडिजिनेसन ऑफ़ ऑर्गेनाइजेसन्स इन एशिया
सोशल वैल्यूज ऐंड डेवलोपमेन्ट : एसियन प्प्रोस्पेक्टिव्स
एफ्फेक्टिव ऑर्गेनाइजेसन्स ऐंड सोसल वैल्यूज
भौत सा संस्थानों न प्रोफेसर दुर्गानंद सिन्हा तैं सम्मान कार
प्रोफेसर दुर्गानंद सिन्हा क देहावसान 23 मार 1998 कुण ह्वे।