
एक चक्की( आटा चक्की, कार्न चक्की, खाद्य मिल) अनाज का दाणौ तै पिस्दी छ। मैनचेस्टर शिप कैनाल का तट पर एलाइड मिल्स आटा चक्की इतिहास। सेनेनु पिसण वालू अनाज, सीए ।१३५२- १३३६ईसा पूर्व ,शाही मुंशी सेनेनु यख एक बड़ा पत्थर पर झूक्यां रदंन। या असाधारण मूर्तिकला एक शबती कू विस्तृत संस्करण मालूम होंदू। एक अंत्येष्टि मूर्ति छ जैतै मकबरा पर मृतक का जगा पर काम करनक रखे गै। ब्रुकलिन संग्रहालय। एक चक्की कू मूल शरीर विज्ञान।यू चित्र एक धावक पत्थर तै दर्शोंदू। यूनानी भूगोलवेता स्ट्रैबो अपणा मा रिपोर्ट भूगोल एक पाणी संचालित अनाज चक्की राजा का महल का पास ही अस्तित्व मा छा करना तै Mithradates छठी Eupator। पर Cabira, एशिया माइनर , यै से पैली 71 ई.पू.। एक पुराणी स्वीडिश आटा चक्की मा पिसणा की व्यवस्था शुरूवाती मिलौं मा क्षैतिज चप्पू का पहिया था, एक व्यवस्था जैतै बाद मा ” नार्स व्हील “का रूप मा पछाण मिली जन स्कैंडिनेविया मा पाये गै थौ । (२)चप्पू कू पंया एक शाफ्ट से जूड़्यू होंदू थौ जू बदला मा चक्की का केंद्र से जूड्यूं हौंदू थौ जैतै धावक पत्थर बोल्दा था। पैडल पर पाणी द्वारा उत्पन टर्निंग फोर्स तै सीधा रनर स्टोन मा स्थानांतरित कर दिये गै जैसे यू एक स्थिर “बिस्तर” का समान आकार का पत्थर का खिलाफ पिस गे ।ये सरल व्यवस्था मा गियर की आवश्यकता नी थै। ये मा नुकसान यू थौ कि पत्थर का घूमणा की गति पाणी की मात्रा और बहाव पर निर्भर थौ। पाणी का बहाव और गति पर निर्भरता कू मतलब थौ पत्थर का घूमणा की गति भौत परिवर्तनशील थै और इष्टतम पिसणा की गति तै हमेशा बरकरार नी रखे जै सकेंदू थौ।पैली शताब्दी ईसा पूर्व का अंत तक रोमन साम्राज्य मा ऊर्ध्वाधर पंया उपयोग मा था।और यूंकू वर्णन विटुवियस द्वारा हवै थौ। रोमन तकनीकी का शिखर शायद बरबेगल एक्वाडक्ट और मिल छन। जख १९ मीटर पाणी का गिरावट क साथ १६ पाणी का पंया चलदन जैसे रोज २८ टन पीसणा की क्षमता कू अनुमान लगाए गै। यन प्रतीत होन्दू कि रोमन काल बाद का दौरान जल मिलौं कु उपयोग जारी रै।पश्चिमी हान राजवंश मा क्रैक एन्ड कनेक्टिंग राड कू उपयोग करण वाली मैन्युअल रूप से सन्चालित मिलौं कु उपयोग करदा था। तीसरी शताब्दी ईस्वी का बाद से बीजान्टिन साम्राज्य और ससानिद फारस मा ग्रिस्ट – मिलिंग कू विस्तार ह्वै और फिर ८ वीं शताब्दी का बाद से इस्लामी दुनिया भर मा बड़ा पैमाना पर फैक्ट्री मिलिंग प्रतिष्ठानों कू व्यापक विस्तार ह्वै मध्यकालीन का निकट पूर्व और उतरी अफ्रीका मा गियर वाली चक्की कु निर्माण ह्वै। जैकू उपयोग अनाज और अन्य बीजौं तै पिसण ह्वै। इस्लामी दुनिया मा ग्रिस्ट मिल पाणी और हवा दुयौं से संचालित होंदा था। पवन उर्जा से चलण वाली पैली चक्की ९वीं और १० वीं शताब्दी मा बणाई गै थै, जू अब अफगानिस्तान ,पाकिस्तान और ईरान मा छन। मिस्र का शहर बिल्बेज मा अनाज प्रसंस्करण कू एक कारखानू थौ जू रोज लगभग ३०० टन आटा और अनाज कू उत्पादन करदू थौ। डेस्यू फाल्स , नियाग्रा एस्करपमेंट ,सेंट कैथरीन्स ,कनाडा मा पुराणी जल मिल छन। १० शताब्दी का उतरार्ध से उतरी यूरोप मा ग्रिस्ट मिलिंग कू विस्तार ह्वै। (६) १०८६ का डोम्सडे सर्वेक्षण इंगलैण्ड की की पाणी से चलण वाली आटा मिलौं की एक सटीक गिनती देंदू। ५,६२४था और हर ३०० निवासियों तै एक थौ।(९) डेस्यू फाल्स , नियाग्रा एस्केरपमेंट,सेन्ट कैथरीन्स कनाडा मा की पुराणी जल मिल छन। १९ शताब्दी का उतरार्ध से उतरी यूरोप मा ग्रिस्ट मिलिंग कू विस्तार ह्वै।१०८६ कू डोम्सडे सर्वेक्षण इग्लैंड की पाणी से चलण वाली चक्की की सटीक गिनती द़ेदू।इंग्लैण्ड मा जनसंख्या वृद्धि का बाद परिचालन मा मिलौं की संख्या १३००तक लगभग १७,०००पौंछ गी।। यूरोप मा उच्च मध्य युग मा ग्रिष्ट मिल का सीमित मौजूदा उदाहरण मिलदन।स्पेन मा एब्रो नदी पर एक मौजूदा अच्छी तरह से संरक्षित वाटरव्हील और ग्रिस्ट मिल रियल मोनास्टरियो डी नुएस्ट्रासेनोरा डी रूएडासे जुड़यूं छ जैते १२०२ मा सिस्तेरियन भिक्षुओं द्वारा बणाए गै थौ। ये समय पर पश्चिमी यूरोप मा ईं तकनीकी तै सिस्टरशियन तै जाणे जांदू थौ। ११०० से १३५० तक।