
Great Botanist P N Maheshwari FRS
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
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महान वनस्पति शास्त्री पी एन माहेश्वरी क नाम प्रत्येक वनस्पति विजान क छात्र क गिच पर हूंद। वैज्ञानिक शोध ग्रंथ व शिक्षण संस्थानों म पी एन माहेश्वरी से प्रसिद्ध माहेश्वरी को जन्म 9 नवंबर 1904 कुण जयपुर (राजस्थान ) म होय।
इलाहाबाद म इविंग क्रिश्चियन कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त कार।
माहेश्वरी की शुरुवाती इच्छा चिकित्सा विज्ञान म शिक्षा की छे किंतु कॉलेज म प्रोफेसर इन्फिल्ड डडगिन क प्रभाव म आण से तौंन प्रोफेसर डडगिन को मार्गदर्शन म बीएससी , एमएससी , डीएससी डिग्री प्राप्त कार । डडगिन बोटानिकल सर्वे ऑफ़ इण्डिया का प्रथम प्रजिडेंट छा। माहेश्वरी न 1930 म आगरा विश्व विद्यालय म नियुक्ति मील। , फिर डाक्टर माहेश्वरी न लखनुई , इलाहाबाद ढाका वि वि , म पढ़ाई व अंत म 1940 म दिल्ली वि वि म वनस्पति शास्त्र क विभागाध्यक्ष रूप म नियुक्ति पायी।
दिखे जाय तो पंचानन माहेश्वरी भारत म प्लांट मॉर्फोलॉजी /पादप भ्रूण विज्ञान क जनक छा। टेस्ट ट्यूब निषेचन तकनीक आविष्कार हेतु बि प्रोफेसर माहेश्वरी प्रसिद्द ह्वेन।
पादप आकारिकी व पादप भ्रूणीका म डाक्टर पंचानन माहेश्वरी क मार्गदर्हन म 60 बिंडी छात्रों न पीएचडी कार।
डाक्टर माहेश्वरी न हिंदी व क्षेत्रीय भाषाओं क भी वकालत कार। ‘इंट्रोडक्शन टु ऐंजीओस्पर्म्स ‘ पुस्तक से डाक्टर माहेश्वरी तेन अंत्तराष्ट्रीय पहचान मील. या संदर्भ पुस्तक च।
डाक्टर पीएन माहेश्वरी न
फाइटोमॉर्फोलॉजी ‘ विज्ञान पत्रिका क स्थापना कार।
1951 म प्रोफेसर माहेश्वरी न ‘इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ मोइफोलॉजिस्ट ‘ संस्था की स्थापना कार।
सम्मान
1934 म नेशनल इंस्टीच्यूट ऑव साइंस की सदस्य्ता मील
1958 म बीरबल साहनी पुरूस्कार
भौत सा जंतु व पादपों क नाम वैज्ञानिकों द्वारा दिए गे।
1965 माहेश्वरी फेलो ऑव रॉयल सोसाइटी FRS मील
डाक्टर माहेश्वरी भौत सा विश्व विद्यालयों म विजिटिंग प्रोफेसर बि छा।
जब मि बीएससी म पढ़द छौ तो हम सब विद्यार्थियों की प्रार्थना हूंदी छे हम डाक्टर पीऐन माहेश्वरी जन ख्याति मीलो।
डाक्टर पी एन माहेश्वरी को निधन 18 मई 1966 कुण ह्वे।