
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
डाक्टर नौतम भट्ट क नाम भारतीय रक्षा विज्ञान म आदरणीय नाम च। भारत तेन रक्षा विज्ञान म आत्म निर्भर बणान म डाक्टर नौतम भट्ट को योगदान महत्वपूर्ण च।
डाक्टर नौतम भट्ट को जन्म जामनगर गुजरात म 10 अप्रैल 1909 कुण ह्वे। डाक्टर नौतम भट्ट की प्रारम्भिक शिक्षा जामनगर , भावनगर अर अहमदाबाद म ह्वे। भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलौर म डाक्टर सी वी रमन क तहत भौतिक विज्ञान म एमएससी डिग्री प्राप्त कार। 1939 म अमेरिकी संस्थान मेसेचुएट इंस्टीच्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से पीएचडी डिग्री प्राप्त ह्वे।
स्वतन्त्रता उपरान्त डाक्टर नौतम भट्ट न भारतीय सरकारौ वास्ता कार्य शुरू कार अर ‘ भारतीय रक्षा विज्ञान प्रयोगशाला नक पौ (नींव ) दौर।
1960 क दशक म रक्षा विभाग हेतु वीटी फ्यूज विकसित करवाई।
डाक्टर नौतम भट्ट न भारत सरकार हेतु सॉलिड स्टेट फैसिक्स लेबोटरी संस्थान की स्थापना कार। डाक्टर भट्ट ये संतान का पैलो निदेशक बि छा।
डाक्टर भट्ट न सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ( CIIRI , I पिलानी ) की स्थापना कार।
डाक्टर भट्ट को ‘अग्नि , त्रिशूल , पृथ्वी , नाग , ब्रह्मोस , धनुष , तेजस , ध्रुव , पिनाका , अर्जुन , लक्ष्य , निशांत , इंद्र , अभी , राजेंद्र, भीम , मैसूर , विभूति , कोरा जन शस्त्रुं निर्माण म महत्वपूर्ण योगदान च।
डाक्टर भट्ट न वैज्ञानिकों की फौज खड़ी कार जौन भविष्य म भौत सा अस्त्र -शस्त्रों निर्माण कार।
डाक्टर भट्ट तैं 1969 म पदम् श्री प्रदान करे गे।
भारत तै रक्षा म एटीएम निर्भर बणाण वळ महान वैज्ञानिक तै रक्षा वैज्ञानिक सदा याद करदन।
डाक्टर नौतम भट्ट को देहावसान 6 जुलाई 2005 कुण ह्वे।