
प्रेरक उत्तराखंड क वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ (रामेश्वर दत्त गौड़ ) गढ़वाल का गर्व छन। गढ़वाल का पादपों तैं अंततर्राष्ट्रीय पटल पर दरशाण म प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ को महत्व पूर्ण हाथ च। मीन गौड़ जी क बारा म जै भि गौड़ जीक छात्र या सहकर्मी से बात कार तो सब्युं बुलण छौ हमर सौभाग्य छौ जो गौड़ जी हमर गुरु छा या सहकर्मी छा। मिलनसार , मृदुभाषी प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ तैं गढ़वाल यूनिवर्सिटी म लाण म विश्व विद्यालय का प्रोफेसर के पी नौटियाल जी को बड़ो हाथ च। प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ प्रसिद्ध शोधकर्ता व पुस्तक लेखक छन।
प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ क जन्म सौर (सरा ) , उदयपुर , यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल म 16 मार्च 1945 म ह्वे छौ। डाक्टर रामेश्वर दत्त गौड़ की प्रारम्भिक शिक्षा गां मा अर हाइ स्कूल तौंन श्रद्धानन्द इंटर कॉलेज भृगुखाल से कार। इंटरमीडिएट की डिग्री बड़ौत (मेरठ, 1962 ) से करणों उपरान्त स्नातक अर स्नाकोत्तर की उपाधि मेरठ कॉलेज (1966 आगरा यूनिवर्सिटी ) से प्राप्त कार। 1972 म चौधरी चरण सिंह विश्व विद्यालय मेरठ से पराग विज्ञान म पीएचडी उपाधि प्राप्त कार।
प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ न हे ० न ० ब ० गढ़वाल विश्वविद्यालय म नियुक्ति (1976 ) से पैल मेरठ कॉलेज मेरठ , डी ऐन कॉलेज मेरठ , एमएम कॉलेज मोदी नगर म अध्यापन कार। प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ सन 2009 तक श्रीनगर गढ़वाल विश्व विद्यालय म भीं भिन्न पदों पर रैन।
प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ क महत्वपूर्ण योगदान –
गढ़वाल पादप तै अंतर्राष्ट्रीय पटल पर दिखवाणो कार्य सबसे बड़ो महत्वपूर्ण च।
प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ न विश्वविद्यालय अनुदान , विज्ञान प्रोद्योगिक पर्षद , पर्यावरण व वन मंत्रालय व भारत व प्रांतीय शासन क भौत सी योजनाओं प्रयोजनाओं क सफलतापूर्वक सम्पादन कार।
प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ न 32 शोधार्थियों क शोध उपाध की पर्वेक्षण (गाइड ) कार.
. प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ क चार शोधपरक ग्रंथ प्रकाशित हुयां छन व 200 से बिंदी शोध पत्र अंतर्राष्ट्रीय जौर्नलों म प्रकाशित ह्वेन।
प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ हिंदी म बि वनस्पति विज्ञान संबंधी लेख प्रकाशित करदान जो सामन्य पाठक शीघ्र समझ जांदन , यूंकि लेखन शैली को यु कमाल च।
प्रकृति को दार्शनिक प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ न उत्तर भारत , उत्तराखंड म वायु पराग को विस्तृत अन्वेषण से एलर्जी जनित रोगो क निदान म महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
मूर्धन्य वैज्ञानिक प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ को गढवाल म पराग संबंधी शोध से मधुमखी उत्पादन तैं नई सोच मील।
सतत खोज का समर्थक प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ क गढ़वाल का पादपों क अन्वेषण से आर्थिक वनस्पति तैं समझण म बाउट सी नई सोच मील।
अन्वेषण तैं धर्म मनण वळ प्रेमी प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ क पुस्तक ‘फ्लोरा आव डिस्ट्रिक्ट गढ़वाल -नार्थ वेस्ट हिमालय ‘ म गढ़वाल की 2000 से बिंदी पुष्पीय पादपों क विवरण च जो अंत्तराष्ट्रीय स्तर पर गढ़वाल को नाम हेतु वांछित फलदायी च।
पर्यारण प्रेमी प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ न प्रोफेसर वीर सिंह क दगड एक ग्रंथ प्रकाशित कार ‘ रेंज ऐंड इकोसिस्टम इन द हिमालयन माउंटेन’। हिमाय म पर्यावरण बचाण म यो ग्रंथ भौत सा विचार दींद।
विज्ञान अन्वेषण को लाभ समाज को सबसे कमजोर मनिख तैं मिलण चयेंद का विचारक प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ न लोक जीव विज्ञान या नृवंश जीवविज्ञान पर द्वी ग्रंथ ऐथनोबिलोलोजी भाग एक भाग 2 प्रकाशित करिन।
सतत अन्वेषण हेतु इंफ्रास्ट्रक्चर सुलभ हूण चयेंद का झंडा बुलंद करण वळ प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ न हे न ० ब ० गढ़वाल विश्व विद्यालय म अंतर्राष्ट्रीय स्तर को हर्बेरियम अर लोक पादप संग्रहालय खुलणों गौरव बि प्राप्त कार। यी संग्रहालय अंतर्राष्ट्रीय मापदंड पूरा करदन अर यूँ संग्रहालयों तैं पादप संगठनों से मान्यता मिलीं च।
सम्मान व सदस्य्ता
न्यूआर्क विज्ञान अकादमी का सदस्य
अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण संघटन का सदस्य
उत्तराखंड तकनीक शिक्षा परिषद का सदस्य
राष्ट्रीय मूल्यांकन समिति क सदस्य
भारतीय संपदा पुस्तक प्रकाशन का सदस्य
भारतीय विज्ञान अकादमी क सक्रिय सदस्य
भारतीय विज्ञान अकादमी अर UGC का फेलोशिप
उत्तराखंड विज्ञान व् तकनीक परिषद न ‘एक्सेलेंस इन साइंस ऐंड टैक्नोलॉजी ‘ से सम्मन कार।
उच्चस्तरीय शोध हेतु भारतीय पादप वर्गीय संघटन से एच सांटापाउ पुरूस्कार
इंटरनेशनल पब्लिशिंग हाउस द्वारा ‘बेस्ट सिटीजन ‘ पुरूस्कार
प्रत्येक भारतीय प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ का वनस्पति विज्ञान म अन्वेषण कार्य तैं सदा याद कारल।
हम सब स्व ० श्रीमती सावित्री देवी अर स्व० ईश्वरी दत्त गौड़ पुत्र प्रोफेसर आर ० डी ० गौड़ की दीर्घ आयु की कामना करदां।