Major Temples of Kumaon in British Period
( ब्रिटिश युग में उत्तराखंड मेडिकल टूरिज्म- )
उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म विकास विपणन (पर्यटन इतिहास ) -73
लेखक : भीष्म कुकरेती (विपणन व बिक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )
देव स्थल आंतरिक व वाह्य पर्यटन वृशि हेतु आवश्यक अवयव होते हैं। कुमाऊं सदियों से देवालयों हेतु प्रसिद्ध था। जब तक पैदल मार्ग था तब तक पूर्वी भारत के यात्री गढ़वाल मंदिरों की यात्रा कटे समय कुमाऊं के तीर्थस्थलों की यात्रा भी करते थे।
बद्री दत्त पांडे ने 1937 में कुमाऊँ के नामी मंदिरों की सूची इस प्रकार दी है –
शैव्य व शाक्त मंदिर
स्थान ———-नाम ———
अल्मोड़ा ——–नागनाथ
अल्मोड़ा ——–रत्नेश्वर
अल्मोड़ा ——– भैरव – 6 मंदिर हैं
अल्मोड़ा ——– दीप चंदेश्वर
अल्मोड़ा ——– उद्योत चन्देस्वर
अल्मोड़ा ——– क्षेत्रपाल
अल्मोड़ा ——– विश्वनाथ
-“—————–नंदा
अल्मोड़ा ———-पुतरेश्वरी
अल्मोड़ा ——–कोट कालिका
अल्मोड़ा ——–यक्षिणी
अल्मोड़ा ———अम्बिका
मटकोट विसोद -कपिलेश्वर
बौरारौ ————-पिनाकेश्वर
बौरारौ ————- सोमेश्वर
बौरारौ ————- सुखेश्वर
बौरारौ ————- रूपेश्वर
खत्याड़ी स्यूनरा – बेतालेश्वर
भीमताल –भीमेश्वर
बिसंग ——-ऋषेश्वर
जड़ाऊँ ——पाताल -भुवनेश्वर
जड़ाऊँ —कोटेश्वर
बेल —–रामेश्वर
महर सोर —-जगन्नाथ
बल्दिया सोर —थलकेदार
तीराकोट –भगलिंग
सोनपट्टी – पचेश्वर
थलबड़ाऊं –बालेश्वर
डीडीहाट – पवनेश्वर
अस्कोट —–मल्लिकार्जुन
चम्पावत —-बालेश्वर
चम्पावत — नागेश्वर
चौकी चार आल -छटकू
मलौली नया –नीलेश्वर
चौकोट — वृद्ध केदार
कुना द्वारा –विमाण्डेश्वर
द्वारा बैजनाथ –नागार्जुन
बैजनाथ —-बैजनाथ
नाकुरी –उपरुद्र
नाकुरी –अतेश्वर
दारुण -जागेश्वर
तिखुन — श्यामादेवी
दूणागिरी –दुर्गा
उच्युर — वृंदा
पूरा डांडा —दुर्गा
अमेल —उपहारणी
बेल —कलिका
महर —मल्लिका
सोन — आकाशमंजनी
अस्कोट –कालिका गिंवाड़
गिंवोड़ ———अग्रारी
कत्यूर — भ्रामरी
कत्यूर —नंदा
पुंगराऊ –कोटगाड़ी
देवीपुरा –बराड़ी
नैनीताल —–नैना
अन्य जैसे वैष्णव मंदिर
अल्मोड़ा —सिद्ध
अल्मोड़ा —-नर्सिंग उर्फ़ बद्रीनाथ
अल्मोड़ा — रघुनाथ
अल्मोड़ा -रामपादुका
अल्मोड़ा —मुरली मनोहर
अल्मोड़ा –हनुमान
अल्मोड़ा -रत्नेश्वर
अल्मोड़ा – तुलारामेश्वर
गिंवाड़ –रामचंद्र
बागेश्वर –बेणी माधव
बागेश्वर –त्रिगुणी नारायण
पुंगराउ –काली नाग
द्वारा —बद्रीनाथ
(संदर्भ – बद्री दत्त , पांडे , 1937 , कुमाऊं का इतिहास पृष्ठ 277 )