प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
डाक्टर बल राज निझावन धातु वैज्ञानिक , लिख्वार , शोधकर्ता छा व डाक्टर निझावन राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला क प्रथम भारतीय निदेशक छा।
डाक्टर बलराज निझावन को जन्म लायलपुर (पाकिस्तान ) म 22 सितंबर 1915 कुण ह्वे छौ।
प्रारम्भिक शिक्षा लायलपुर या पाकिस्तान म ही ह्वे। धातु विज्ञान म बीएससी तौन कशी हिन्दू विश्व विद्यालय से कार। लंदन क शेफील्ड यूनिवर्सिटी से 1941 म डॉक्टरेट डिग्री प्राप्त कार।
भारत बिभाजन बाद डाक्टर बलराज निझावन भारत ऐन अर राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला म नियुक्त ह्वेन। तब यु संस्थान बाल्य अवस्था म छौ।
तख तौं तैं निदेशक नियुक्त करे गे। 1966 तक डाक्टर निझावन ये ही संस्थाम रैन। 1966 म
1966 म सि संयुक्त राष्ट्र संघ क यूएन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन म नियुक्त ह्वेन। यख 28 वर्ष तक कार्य कार।
डाक्टर निझावन भारतीय धातु कर्म इंजीनियरिंग म अग्रणी छन। डाक्टर निझावन न UNIDO म भौत सा देशों म धातु कर्म इंजीनियरिंग विकसित कार।
निझावन न भौत सा शोध कार्य कार व करवाई।
प्रकाशित कार्य
निझावन बीआर , गुप्ते पी के , 1958, ” मिश्र धातु और विशेष स्टील के उत्पादन, गुण और अनुप्रयोगों पर संगोष्ठी, 1-4 फरवरी 1956 को आयोजित । राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला।
बी आर निझावन , पी.एच. कुटार, . 1967 हिंदुस्तान स्टील प्लांट्स में लौह और इस्पात निर्माण की कुछ समस्याएँ ।
निझावन बीआर ,1992 , “लोहा, इस्पात और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद मिश्रण का उत्पादन: नवीनतम तकनीकी नवाचार और प्रक्रियाएँ” । एएसएम इंटरनेशनल। पृष्ठ 315.
निझावन बी आर , एबी चटर्जी, 2007 , ” स्टील का ऑस्टेनिटिक ग्रेन-साइज़ नियंत्रण” वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद। पृष्ठ 58।
बलराज . निझावन, संक्षारण प्रतिरोधी मिश्रधातुओं का विकास । पुस्तक अंग्रेजी म Development of Corrosion Resistant Alloys
बलराज . निझावन, संक्षारण प्रतिरोधी मिश्रधातुओं का विकास । पुस्तक अंग्रेजी म Development of Corrosion Resistant Alloys
डाक्टर निझावन तैं पद्मश्री , शांति स्वरूप भटनागर प्रुस्कार से सम्मानित करे गे। यांक अतिरिक्त जापान , युगोस्लाविया से बि सम्मानित ह्वेन।
डाक्टर बलराज निझावन को देहावसान 6 अप्रैल 2014 कुण फ्लोरिडा यूएसए म ह्वे।
भारत म धातु कर्म इंजीनियरिंग विकास हेतु डाक्टर निझावन सदैव याद करे जाला।