प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
265 से बिंडी गढ़वळि कथा रचंदेर : भीष्म कुकरेती
बीसवीं सदी का महान वैज्ञानिकों म एक नाम है सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर का नाम प्रमुख च जु अपर जीवन म हि किंवदंती बण गे छा। चंद्रशेखर सुब्रह्मणियम जीव को अर्थ च सघन सध्ययन अर शोध प्रति समर्पण। महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर को विज्ञान शोध संसार छौ – खगोल भौतिक शास्त्र, भौतिक शास्त्र अर व्यवहारिक गणित। सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर को जीवन से प्रेरणा मिल्दी कि क्वी बि सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर बण सकुद बशर्ते मनिख म संकल्प, शक्ति , योग्यता अर धैर्य ह्वावो अर कठिनाईयों से जूझणो आत्मबल ह्वावो । महान मनिख संसार म साझा साझा करण व साझा संस्कृति क समर्थक छा। सुब्रह्मनियम पर भि तीन संस्कृतियों क प्रभाव छौ – भारत जख वूंक जमन ह्वे अर शिक्षा ह्वे ; ब्रिटेन जख शोध सीख ; अर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका जो वूंक कर्मस्थली छे।
नोबल पुरुष्कार विजेता सी वी रमण सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर क चचा जी छा । चंद्रशेखर के पिताजी सुब्रह्मनियम अय्यर लाहौर म रेलवे मे लेखा विभाग म उच्च पदासीन छा व लाहौर मे ही सुब्रह्मनियम चंद्रशेखर का जन्म 19 अक्टूबर 1910 म लाहौर म ह्वे । उंकी माता सीता बालकृष्णन विदुषी छे जौन क नाटक अ डॉल हाउस क तमिल अनुवाद कौर छौ। सीता अपर बच्चों म कुछ करणों अर उच्चतम पाणो की महत्वाकांक्षा भरण म सक्षम छे।
12 वर्ष तक सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर की शिक्षा दीक्षा घर म ही ब्वे -बाब अर प्राइवेट ट्यूटर से ह्वे। 1918 म सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर क बूबा जीको स्थानांतर लाहौर से मद्रास ह्वे गे तो तब स्थाईत्व आयी।
1922 -25 म सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर हिन्दू है स्कुल म पौढ़। फिर तौन मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज से भौतिकी म स्नातक की डिग्री प्राप्त कार। 1930 म चंद्रशेखर तै कैम्ब्रिक विश्व विद्यालय म स्नातक डिग्री हेतु भारत सरकार बिटेन छात्रवृति मील अर सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर भौतिकी शोध हेतु ब्रिटेन चल गेन। ब्रिटेन कैम्ब्रिज म वो प्रोफेसर आर एच फाउलर का तहत शोध छात्र बण गेन। 1933 म सुब्रहमण्यम चंद्रशेखर तै कैंब्रिज से पीएचडी मील।
चन्द्रसेखर तेन 1933 -1937 वर्षों हेतु ट्रिनिटी कॉलेज म फेलोशिप मील तख रैन। फेलोशिप क समय म चंद्रशेखर क मित्रता सर आर्थर एडिंग्टन , प्रोफेसर इ ए मिल्ने जन महीषीयों से ह्वे जो अगनै लाभकारी सिद्ध ह्वेन।
जनवरी 1937 म शिकागो विश्व विद्यालय म फैकल्टी म स्थान मील अर वो सद्यनी तखि रैन।
चंद्रशेखर क जीवन म निम्न शोध प्रकाशन महत्वपूर्ण छन –
- तारकीय संरचना के अध्ययन का परिचय (1939,शिकागो विश्वविद्यालय प्रेस; डोवर प्रकाशन, इंक. द्वारा पुनर्मुद्रित, 1967)।
2a. स्टेलर डायनेमिक्स के सिद्धांत (1943, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो प्रेस; डोवर पब्लिकेशंस, इंक. द्वारा पुनर्मुद्रित, 1960)।
2बी. ‘भौतिकी और खगोल विज्ञान में स्टोकेस्टिक समस्याएं’, मॉडर्न फिजिक्स की समीक्षा , 15, 1 – 89 (1943); नेल्सन वैक्स द्वारा शोर और स्टोकेस्टिक प्रक्रियाओं पर चयनित पत्रों में पुनर्मुद्रित , डोवर प्रकाशन, इंक., 1954।
3. रेडिएटिव ट्रांसफर (1950, क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफोर्ड; डोवर पब्लिकेशंस, इंक. द्वारा पुनर्मुद्रित, 1960)।
4. हाइड्रोडायनामिक और हाइड्रोमैग्नेटिक स्थिरता (1961, क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफोर्ड; डोवर प्रकाशन, इंक. द्वारा पुनर्मुद्रित, 1981)।
5. संतुलन के दीर्घवृत्ताकार आंकड़े (1968; येल यूनिवर्सिटी प्रेस)।
6. ब्लैक होल्स का गणितीय सिद्धांत (1983, क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफोर्ड)।
सन 1983 , सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर तैं चंद्रशेखर लिमिट , तारों की संरचना शोध आदि हेतु प्रोफेसर विलियम फाउलर क दगड़ नोबेल पुरूस्कार मील।
भारत सरकार न पदम् विभूषण से सुशोभित कार
सुब्रह्मणियम चन्द्रसेखर तै दसियों पुरुष्कार मिलेन।
सुब्रहमण्यम चंद्रशेखर को ब्यौ ललिता दोराई स्वामी दगड़ ह्वे।
6 अक्टूबर 1987 कुण महान वैज्ञानिक सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर को देहावसान शिकागो म ह्वे।
हम सब तै सुब्रह्मणियम चंद्रशेखर पर गर्व च।