(वियतनामी लोक कथा )
अनुवाद: 250 से बिंडी कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
भौत समय पैलाकि छ्वीं छन। वियत्नाम म एक कै गांव म एक धनी मनिख छौ। तैक द्वी नौन छा। बड़ो क्रूरमुखी अर कृपामुखी जब धनी क मृत्यु ह्वे तो धन बंटन ह्वे। बड़ो भै क्रूरमुखी लालची व कृपण मन को छौ तैन अफुम भौत सा धन राख अर छुट भुला कुण सुनहरा कमरख (स्टारफ्रुट ) पेड़ दे दे। वैक भुला कृपामुखी बड़ो दयावान व करुणा हृदय को छौ।
एक दिन कृपामुखी क बगवान म एक जादुई घुघती आयी अर कमरख क फल खै गे। कृपामुखी नघुघती से अपर विरोध जताई। जादुई घुघती न ब्वाल , ” फलों क संटवरा म मि त्वे सोना क डौळ डेलू। तू तीन बालिस्त क थैला त्यार कौर मि भोळ औलु। :
कौल वचन अनुसार जादुई घुघती कृपामुखी तैँ एक द्वीप म लीग जख सोना इ सोना छौ। कृपामुखी न सोना से थैला भौर, घुघती तै तैं अपर पीठ म घर लायी , वो धनी बण गे।
कृपामुखी क धन से क्रूरमुखी जळ गे। वैन कमरख पेड़ क संटोरा म अपर सब सम्पति भुला तै दे दे।
अब क्रूरमुखी क बगीचा म कमरख पेड़ छौ। ढब अनुसार जादुई घुघती आयी अर फल खै गे। क्रूरमुखी क विरोध म वीन ब्वाल कि ,”तीन बालिस्त थैला बणै। मि भोळ औलु। “
किन्तु लालची क्रूरमुखी न बड़ा बड़ा थैला बणै देन। घुघती क्रूरमुखी तैं उड़ै क द्वीप म लै। वैन अपर सक्यात से बिंडी सोना भार , घुघती बीच म तक गे। वींन वैकुण ब्वाल कि कुछ सोना भीम चुलै दे। किन्तु लालची क्रूरमुखी नि मान। घुघती भार नि साक सौक अर वींन तै लालची मनिख तैं समुद्र म डाळ दे।