अब नि रे केका औणे आस टूटिगी अब मन कु विश्वास।। सुखिगी अब स्या उम्मीदों ...
ऐतिहासिक तथ्य
ब्वानु बौटी जस होंदु, जसन बंणदु जोग॥ म्यौट जथ्या म्यौटण या पुगे पुगे भोग॥ यत कुशळ काज...
मां तेरा आंचल संसार से बड़ा है कोख में मां तूने दुनिया है समाई जन्म लिया मां...
फुर्सत में चलते-चलते बताऐंगे कभी रास्ते में, अपने इरादों को कामयाबी के पथ पर चलते-चलते लिखेंगे अपनी...
केदारघाटी की तीन गौं मा, रचीं-बसीं लोकपरंपरा———- केदारखंड नागपुर-केदारघाटी मा, रचीं-बसी संस्कृति, आस्था, विश्वास अर प्रकृति...
–बाखरि— ।*बिचारि बाखरि* मेंऽ मेंऽ कनी छे स्या, जूड़ि परं बंधीं । पूछ्या गै – क्य करि...
१८वीं सदि मा प्रबल गढ़वाळ राज्या परसिद्ध अर जण्या-मण्या दीवान कृपाराम डोभाल का वंशज श्रीराम डोभाल जी...
जैंकु बुबा थाणेदार वींका खुंगला पुरस्कार जैंकु अपणु न पर्या वीं तैं प्वोर मु धर्या जैका मुंड...
बिस्वास छ मि तैं सक नी क्वी भोळ जरूर होलु सुख-चैन भोळ नि होलु आजै तरां भोळ...
बडूली एक गढ़वाली शब्द है, जिसका हिंदी में शाब्दिक अर्थ होता है हिचकी आना और हमें हिचकी...