प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
270 से बिंडी गढ़वळि कथा रचंदेर : भीष्म कुकरेती
भारत परमाणु ऊर्जा संस्थान को जनक होमी जहांगीर भाभा क जन्म मुंबई म 30 अक्टूबर 1909 म एक भद्र व समृद्ध पारसी परिवार म ह्वे छौ।
होमी जहांगीर भाभा एक स्पन्द्रिश्ता छा जौन भारत म परमाणु ऊर्जा को उपयोग का मधुर सुपिन देख छौ। होमी भाभा न कुछ वैज्ञानिकों क दगड़1944 म नाभिकीय ऊर्जा पर अनुसंधान कार्य करण शुरू कार जब संसार म नाभिकीय (Nuclear ) विज्ञान क बारा म भौत हीन जानकारी लोगों मध्य छे. नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत् उत्पादन की कल्पना क्वी करदा बि नि छा ।
होमी भाभा क प्रारम्भिक शिक्षा कैथेड्रल अर जौन केनन स्कुल म ह्वे। बीएससी तौन मुंबई अर रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ सांइस से कार। ही भाभा न इंजीनियरिंग डिग्री कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से कार। 1934 म होमी तैं कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से डायरेक्ट्रेट की उपाधि मील। न्यूक्लियर फिजिक्स क प्रति ऊंकी रूचि अप्रतिम छे।
1945 म डाक्टर होमी भाभा न टाटा इंस्ट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ी स्थापना कार।
1947 म भाभा भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग का प्रथम आयुक्त बणिन। तौंन एटोमिक इनर्जी इस्टेब्लिशमेंट की भी स्थापना कार जो बाद म भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर बण।
डाक्टर नौशेरवां जी सेठना व अन्य वैज्ञानिकों दगड़ होमी भाभा भारत तै न्यूक्लियर पावर शक्ति सम्पन बणान म जुट गेन। 1966 म होमी भाभा की हवाई दुर्घटना म मृत्यु ह्वे किन्तु परमाणु कार्यक्रम नि रुक। 1974 म डाक्टर सेठना न प्रधान मंत्री इंदिरा जी तै बताई कि भारत शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोटक कुण उद्यत च।
होमी भाभा परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग का पक्षधर छा। 1958 म वो संयुक्त राष्ट्र संघ क आयोजित सम्मेलन का सचिव छा। 1960 -1961 तक भाभा संयुक्त राष्ट्र संघ क अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा समिति क संदस्य भि छा ।
आज भारत परमाणु ऊर्जा म जो बि च वो होमी भाभा व डाक्टर सेठना क अथक परिश्रम व कार्य को ही कारण च।
भाभा तै पैल पदम श्री व पुनः पदम् विभूषण से सम्मानित करे गेन।
होमी जहांगीर भाभा तैं . भारत को एटोमिक इनर्जी प्रोग्राम क वास्तुकार (आर्किटेक्ट ) मने जांद।