बाण गाँव ( चमोली ) में भवन में काष्ठ कला शैली
Traditional House Wood Carving Art from Ban , Chamoli
गढ़वाल, के भवन (तिबारी, निमदारी,जंगलादार मकान, बाखली,खोली) में पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन, – 640
( काष्ठ कला पर केंद्रित )
संकलन – भीष्म कुकरेती
तिब्बत सीमा में चमोली में अच्छी संख्या में काष्ठ कला युक्त भवनों की सूचना मिली हैं। आज बाण गाँव में एक भवन की काष्ठ कला पर चर्चा होगी।
यह भवन काष्ठ उत्कीर्णन (Carving ) हेतु नहीं यद् किआ जायेगा अपितु काष्ठ निर्माण शैली हेतु यद् किया जायेगा ,
दोनों भवनों के छाया चित्र से पता चलता है दोनों भवन आधारिक primitively लकड़ी भवन शैली के हैं। भवन में सब जगह लकड़ी से ही निर्माण हुआ है। भवन की दीवारें , छत व छत आधार सब कुछ लकड़ी के पटिलों (तख्ते )
एक भवन में दृष्टिगोचर हो रहा है कि मोटे -शक्तशाली डंडों की कड़ियों से छत व दीवारों के आधार निर्मित हुए हैं व तब लकड़ी के तख्ते लगाए गए हैं। डंडो को लगाने की शैली वैसे ही है जैसे बांस के खपचों से पल्ल निर्माण किये जाते हैं। भवन में लकड़ी की साड़ी संरचना आधारभूत है व ज्यामितीय कटान की ही हैं। ऐसे आधारभूत भवन चमोली , टिहरी , उत्तरकाशी में तिब्बत सीमा में बर्फीले क्षेत्र में पाए जाते हैं।
निष्कर्ष निकलता है कि बाण गाँव में ज्यामितीय कटान के दो भवन काष्ठ कला युक्त है जहाँ उत्कीर्णन महत्वपूर्ण नहीं अपितु ज्यामितीय कटान से निर्मित संरच्मा महवतपूर्ण हैं।
सूचना व फोटो आभार: सुधीर कुमार (FB )
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: वस्तु स्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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