खड़कोला (पौड़ी गढ़वाल ) में सुनारों के भवनों में काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन
Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Kharkola, Kapholsyun Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन–647
संकलन – भीष्म कुकरेती
कफोलस्यूं से कई काष्ठ कला उत्कीर्णन युक्त भवनों की सूचना मिलीं हैं। आज खड़कोला में सुनार परिवार के दो भवनों में काष्ठ कला , काष्ठ उत्कीर्णन पर चर्चा होगी।
खड़कोला के प्रस्तुत दोनों भवन तिपुर व दुखंड है। खिड़कियों , द्वारों में सपाट ज्यामितीय काष्ठ कटान मिलता है। पहले तल में दोनों भवनों में सामान्य गढ़वाली तिबारी काष्ठ कला विद्यमान है। तिबारियों में चार चार कलयुक्त उत्कीर्णित स्तम्भ हैं।
तिबारियों के प्रत्येक स्तम्भ के आधार में अधोगामी पद्म पुष्प दल से निर्मित संरचना है जिसके ऊपर ड्यूल है। ड्यूल के ऊपर उत्घ्वगामी पद्म दल की संरचना विद्यमान है। उर्घ्वगामी पद्म पुष्प से स्तम्भ लौकी आकार लेकर ऊपर बढ़ती है। जहां सबसे कम मोटाई है वहां पुनः अधोगामी पद्म दल , ड्यूल व उर्घ्वगामी पद्म दल के दर्शन होते हैं।
उर्घ्वगामी पद्म दल संरचना से एक और तोरणम निर्मित होती है व ऊपर स्तम्भ में थांत आकृति उभरती है। तोरणम के स्कंध में लता , पत्तियों की संरचना स्थापित हैं व किनारे पर सूरजमुखी नुमा संरचना अंकित हुयी है। तोरणम के ऊपर शगुन चिन्ह हैं किन्तु मानवीय नहीं हैं।
तोरणम व स्तम्भ के ऊपर शीर्ष की कड़ियों में प्राकृतिक कला अंकन मिलता है। शीर्ष की कड़ियों में ज्यामितीय कटान से निर्मित संरचना भी विद्यमान हैं। शीर्ष के ऊपर तीसरे तल के छज्जे आधार में काष्ठ दास (bracket ) हैं। दास कलयुक्त हैं।
निष्कर्ष निकलता है कि खड़कोला के सुनार भवनों में प्राकृतिक व ज्यामितीय अलंकरण कला अंकन विद्यमान है।
सूचना व फोटो आभार: जगमोहन डांगी