सिबियाधार (नैनीडांडा, पौड़ी गढ़वाल ) में रामेश्वर ध्यानी भवन की काष्ठ कला व काष्ठ उत्कीर्णन
Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Sibiyadhar, Nainidand Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन–659
संकलन – भीष्म कुकरेती
प्रस्तुत भवन स्वर्गीय रामेश्वर ध्यानी ने निर्माण करवाया था। सिबियाधार का प्रस्तुत ध्यानी भवन संभवतया दुपुर व दुखंड है। भवन के प्रथम तल में तिबारी आंतरिक बरामदे में स्थापित हुयी लगती है। भवन की तिबारी में चार चौकोर ज्यामितीय कटान के स्तम्भ स्थापित हुए हैं। तिबारी के स्तम्भों को कटान से आकर्षक बनाया गया है। तिबारी के मुरिन्ड /मथिण्ड /शीर्ष की कड़ी में तीन चतुर्भुज देव मूर्तियां स्थापित की गयी हैं किन्तु वे धातु की हैं। सिबियाधार के ध्यानी भवन में अन्य काष्ठ संरचनाये ज्यामितीय कटान की ही हैं।
आधार में लघु जंगले की आकृति भी है।
निष्कर्ष निकलता है कि सिबियाधार के ध्यानी भवन में कष्ट कला उत्कृष्ट श्रेणी की है व ज्यामितीय कटान की है। देव मूर्तियां (मानवीय अलंकरण ) धातु की हैं।
सूचना व फोटो आभार: सुनीता ध्यानी
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन निरंतर Ti
bari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Pauri Garhwal to be continued
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन निरंतर चलता रहेगा