Tibari, Traditional House Wood Art in House of, Naudi village, Thalisain, Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन -628
संकलन – भीष्म कुकरेती
बालकृष्ण चमोली द्वारा प्रस्तुत छायाचित्र में भवन दुपुर है व तल तल (ग्राउंड फ्लोर ) में काष्ठ कला कोई विशेष नहीं है क्योंकि सभी स्पॉट व ज्यामितीय कटान के द्वार व सिंगाड़ (स्तम्भ ) दिख रहे हैं। काष्ठ कला दृष्टि से भवन के प्रथम तल पर दो भागों में कष्ट कला विशेष है। छायाचित्र से लगता है है प्रथम तल पर दो तिबारियां हैं। एक तिबारी में सिंगाड़ , द्वार सभी सपाट व ज्यामितीय कटान के ही हैं। समानांतर में दुसरी र पारम्परिक गढ़वाली शैली के सिंगाड़ युक्त तिबारी स्थापित है।
इस तिबारी के चाओं सिंगाड़ (स्तम्भ ) के आधार में अधोगामी पद्म पुष्प दल , फिर ड्यूल ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल की कला अंकन हुआ है। इसके ऊपर स्तम्भ फिर यही कला कर्मवत पुनरावृति होती है। पद्म दलों ड्यूल में भी कला उत्क्रीर्ण हुआ है। ऊपरी सीधे कमल दल के ऊपर स्तम्भ थांत में परिवर्तित होता है व यहीं से तोरणम (Arch , मेहराब ) भी अवतरित होते हैं। तोरणम के स्कंध में फूल पत्तियों व लताओं का उकीर्ण हुआ है व किनारे पर सूरजमुखी पुष्प शगुन के रूप में अंकित हुआ है।
तिबारी में तोरणम के ऊपर चित्रकारी युक्त पत्तियां (शीर्ष पट्टी ) हैं। ऐसा लगता है इस पट्टी पर कोई दैवी या शगुन चिन्ह लगा था।
तिबारी भव्य व सुडोल है व नौडी की शान थी। भवन की देखरेख सही ढंग से रखने के कारण कला जीवंत है।
भवन की काष्ठ कला भव्य है व ज्यामितीय , प्राकृतिक व संभवतया मानवीय अलंकरण वाली चित्रकारियुक्त है।
सूचना व फोटो आभार: बालकृष्ण चमोली
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान ,बाखली , बाखई, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन नक्काशी श्रृंखला जारी रहेगी,पौड़ी गढ़वाल के भवनों की काष्ठ कला , उत्तराखंड भवनों की काष्ठ कला * पौड़ी की लकड़ी नक्कासी