सूरजमुखी की कथा ( ननु स्वांग ( लघु नाटिका )
(ननि -ननि नाटिका श्रृंखला, Short Skits )
नौटंकी – भीष्म कुकरेती
स्थल – पुंगड़
चरित्र :
सूत्रधार
सूर्य दिबता
पील फूल
सूत्रधार – जब पृथ्वी म पेड़ पौधा उगण शुरू ह्वेन त भौत सा फूल बि दिखेण शुरू ह्वे गेन। जनकि गुलाब , संतराज , फ्युंळि अर एक हैंको छूट पीलो फूल । एक दिन सबि फूलूंन निर्णय ले बल गुलाब तै फुलुं महारानी घोस्ट करे जाय किलैकि गुलाब म सुंदरता बि छे अर गुलाब लोकुं इच्छा बि पूर कर सकदी छे। यांक बान फूलुन एक जीमण धार। सब्युंन अपर अपर इच्छा बताई। कैन सुगंध मांग , कैन सुंदरता मांग कैन रंग मांग.
ननि म ननि पील फूलन मांग – मि चांदो कि मि पृथ्वी म सबसे बड़ो फूल ह्वे जौं।
गुलाब – तथास्तु ! जा तू सबसे बड़ो फूल बण जा।
सूत्रधार – अर इन म वु ननु म से ननु फूल बड़ो फूल बण गे। बड़ो बणन बिगळी बात च अर सीधो टपटप रौण बिगळीं बात हूंद. स्यु फूल सीधो खड़ इ नि रै सकणु छौ लत इना पड़ जा लत उन पड़ जावो । रक दिन सूर्य दिबता चमकणा छा। पील फूलन सयाता मंगणै सोच।
पील फूल – ये सूर्य देव तुम क्या मेरी सयाता करिल्या क्या ? मि तैं सीधो रख द्यावो।
सूर्य – क्या ? तू क्या सीधो नि रै सकदी ?
पील फूल -जब गुलाब न मेरी इच्छा पूरी कार अर मि जब बड़ो फूल बण ग्यो तब मैं पता चौल कि मि सीधो खड़ नि रै सकुद। इच्छा बताण से पैल मीन सोचि नी कि मैं टंगटंग सीधो बि खड़ रौण।
सूर्य – मेर समज म त्वे समज म ऐ गे कि कुछ मंगण या इच्छा करण से पैल सब फल प्रतिफल क बारा म बि सुचण चयेंद। मि तेरी यी सयाता कौर सकुद कि जब तक मि चमकणों रौल तू सीधो खड़ रैली। मेरी चमक त्वे टंगटंगो राखली।
पील फूल – जुगराज रयां। सदा तुमारी चमक बणी रावो। तुम जना जना जैल्या मि बि तना इ जौलु। मि सदा तुमर पैथर जौलु।
सूत्रधार – तै क्षण से इ पील फूल उना इ घुमद जना सूर्य की चमक हो। अर इलै अन्य फूलुंन तै पील फूल तै सूरजमुखी नाम दे अर्थात सूर्य की ओर जैक मुख रावो।