सिरसेड ( कीर्तिनगर टिहरी ) के कठैत भवन में पारम्परिक गढवाली शैली की काष्ठ कला, अलकंरण, उत्कीर्णन, अंकन
Traditional House Wood Carving Art of, Sirsed , Kirtinagar Tehri
गढ़वाल, भवनों (तिबारी, जंगलेदार निमदारी, बाखली, खोली, मोरी, कोटिबनाल ) में पारम्परिक गढवाली शैली की काष्ठ कला, अलकंरण, उत्कीर्णन, अंकन-662
संकलन – भीष्म कुकरेती
सिरसेड (टिहरी ) से यह तीसरे भवन की सूचना है। आज कठैत भवन के भवन की काष्ठ कला पर चर्चा की जायेगी। भवन दुपुर -दुखंड है। भवन के तल तल (मंजिल ) में कक्षों व मोरियों (खड़िकियों ) में सपाट ज्यामितीय कटान की कला है।
कठैत भवन के पहले तल में साथ खामिया तिबारी स्थापित है। अपने समय में सात से अधिक स्तम्भ (खाम ) की तिबारी गर्व की पहचान थी। तिबारी में सभी साथ खाम (स्तम्भ ) एक समान हैं। चार लघुस तंभों के युग्म से एक सत्मभ निर्मित हुआ है और इसी भाँती के सात स्तम्भ हैं।
स्तम्भ आधार में अधोगामी पद्म पुष्पदल के अंकन से घट निर्मित हुआ है , ऊपर ड्यूल है व ड्यूल ऊपर उर्घ्वगामी पद्म दल अंकन से से घट निर्मित हुआ है। यहाँ से स्तम्भ ऊपर चलता है व शीर्ष के कुछ नीचे कमल दलों के अंकन से घट निर्माण पुनः हुआ है। तिबारी के शीर्ष में तोरणम है या नहीं की सूचना छायाचित्र से नहीं मिल पा रही है।
भवन के पहले तल में मोरियों (खड़कियों ) के द्वार जालीनुमा हैं। िंजाल नुमा द्वारों के ऊपर कमल दल जैसी कोई आकृति अंकन हुआ है। इस आकृतिके ऊपर मोरी पर तोरणम स्थापित है जिसके अंदर भाग में प्राकृतिक कला अंकन हुआ है।
भवन में ज्यामितीय , प्राकृतिक अलंकृत कला अंकन के दर्शन होते हैं।
भवन उच्च वर्ग का भवन है व तिबारी भी उच्च वर्ग में ही आती है।
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सूचना व फोटो आभार: राजेंद्र कुंवर फरियादी