तीस बरसै उमर मा स्य पचासै दिख्यन्दि छै,
अपरू प्यौट मारी तैं हमु तैं पुगौन्दि छै,
दिन भर अपड़ु खून पुंगड़्यों मा सुखौन्दि छै ,
यरां मेरि ब्वे मेरा बाना कै रात्यों नि स्यौन्दि छै।
सनक्वळि उठी दथिलि तैं स्य पळ्यौण पर पळ्यौंन्दि छै,
भूखि तीसि सैरा दिन बणों मा बितौन्दि छै,
ज्वोन सीं मुखड़ि अपड़ि घाम मा तचौन्दि छै ,
यरां मेरि ब्वे मेरा बाना कै रात्यों नि स्यौन्दि छै।
कबि प्यौट पर त कबि ख्वकलि पर त्वेल्यां ब्वेन ,
भितर कति घौ रैन पर भैर कबि नि ख्वेल्यां ब्वेन ,
हमुन कति भी सतै होलि कति बि पिथै होलि ,
पर हमु तैं कडा़ बोल कबि भी नि ब्वेल्यां ब्वेन ।
कांड्यूं मा हिटिक अफू मि फूलों मा हिटाळि ब्वेन,
तींदा मा स्येक रै वा ,मि निवता मा सिवाळि ब्वेन ,
चिर्यां झुलका प्यौट अपणि गरिबि तैं लुकाई ब्वेन,
कै बिपदा खायि होलि पर कबि नि चितायि ब्वेन,
दिन स्यौरा उक्खड़ रात वोखळा मा बितायि ब्वेन ,
लुकरु बौलु भुर्त्या करी हमूं तैं पढ़ायि ब्वेन ,
कै दुख दलेदर ऐन पर आंसू नि बगैन ब्वेन
पौड़ा पर खुटा अड्यौण ब्वेनै त सिखायि मैंक
न आखरों कु ज्ञान छौ न अंको तैं बतौंदि छै
पर दुनिया दारी वर्णमाला हमूं तैं सिखौन्दि छै,
यरां मेरि ब्वे मेरा बाना कै रात्यों नि स्यौन्दि छै।
कुटमदरि खवायि , अफू सदानि अधो खायि ब्वेन
भलु बुरु सर्या तत्यूं का बीच कबि नि पायि ब्वेन ,
औदा पौदा लड़ीक बेटुला पाळ्यां अर बिवायि ब्वेन ,
मनखी त ह्वेन ग्वोरू बछला ,भैंसा, कुकुर बिरळा भि, जिवायि ब्वेन ,
यतरी घिमसाण तैं जु घिर कै खवौन्दि छै ,
जु मेरा बाना ब्वे मेरि कै रात्यों नि स्यौन्दि छै,
स्य आज यखुलि भूखी स्येक अंसधरि चुवौन्दि ब्वे ……….
यरां…………….. ।
उपासना पर्वत प्रिया