
भीष्म कुकरेती (विपणन आचार्य )
मई तब गुजरात में था जब मोदी जी ने कच्छ रण में पर्यटन की अपार संभावनाएं की चर्चा की थी। मेरे करयायलय व अन्य पान पनवाड़ी स्थलों में लोग प्रहसन समझ रहे थे। मोदी जी ने कर दिखाया। केवडिया को कोई नहीं जानता था आज स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी ने केवडिया को विश्व विख्यात स्थल बना दिया है। अभी मुखवा उत्तरकाशी यात्रा समय मोदी जी ने घाम तापो पर्यटन की चर्चा की तो उत्तराखंडी सोशल मीडिया में बहुत से मोदी विरोधी घाम तापने को घाम लागल से जोड़ने लगे। मोदी जी आज वैश्विक स्तर पर सूर्य अर पहाड़ पर्यटन में उछाल की बात की किन्तु जो पर्यटन को नहीं समझ सकते या जिनकी मोदी विरोध हेतु भारत विरोध की मानसिकता हो वे घाम तापो नहीं समझ सकते।
घाम तापो पर्यटन विकास की अपर संभावनाएं हैं।
पहाड़ों घाम तापो में एक concept या पर्यटन अनुभव है जिसमे पर्यटक पर्वत सुंदरता के अतिरिक्त सूर्य स्नान का भी आनंद लुटता है जैसे समुद्र तट पर पर घाम तापो का आनंद लिया जाता है।
बहुत से पर्यटक मृदा स्वास्थ्य लाभ , लकवा ठीक करने हेतु , विटामिन डी वृद्धि हेतु पहाड़ आते हैं तो उनके लिए घाम तापो विचार सुंदरतम विचार है। जब भी एक सप्ताह का कर्मकांड हो तो घाम तापो भी अनुभव किया जा सकता है।
पहाड़ों में पर्यटक घाम तापने निम्न लाभ हेतु आते हैं –
अवसाद /डिप्रेसन कम करने हेतु
निद्रा रोग दूर करने हेतु
विटामिन डी प्राप्ति (शक्तिशाली हड्डियों हेतु )
प्रतिरक्षक शक्ति वृद्धि /इम्मयूनिटी वृद्धि
लकवा जैसे रोग निवारण में घाम की आवश्यकता
मानसिक समस्या समाधान हेतु
पहाड़ों में घाम तापो पर्यटन हेतु पर्यटक स्थल में कई प्रकार के इंफ्रस्ट्रक्चर भी आवश्यक हैं जैसे – परिहवन , मनोरंजन , होटल , योग संस्थान , चिकित्सा संस्थान , कर्मकांड कार्य करने के साधन , या जो भी पर्यटन वृद्धि में सहायक हों। पर्यटकों हेतु लेटने के लिए बेड , आस पास मालिस प्रबंध , संगीत , भोजन या चबेना व पेय प्रबंध भी आवश्यक है।
पर्यटक स्थल में सूर्य उगने से एकर सूर्यास्त होने तक कई गतिविधियों का प्रबंध होता है।
घाम तापो ग्रामीण पर्यटन का मुख्य अंग बन सकता है।
घाम तापो अर्थात किसी तपड़े में घाम तापो तो उसी प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर होने ही चाहिए।