
(व्यंग्य कथा )
280 से बिंडी कहानी रचयिता : भीष्म कुकरेती
अर सामान्य लोगों म तो ना किंतु शाश्कीय अधिकार्युं मध्य आनंद का विषय बि च , अन्वेषण को विषय बि च तो कुछों कुण चिंता क विषय बि च कि कनकैक यु प्रमाण दिए जाए कि गढ़पुर को सरोवर चोरी ह्वे गे।
ह्वे क्या छौ कि प्रधान जीक क स्याळी न ग्राम प्रधान को उपहास कार कि मि तै क्या पता कि म्यार जीजा ग्राम प्रधान बण गेन। एकाध अंगूठी मिलीं हूंद तो पता चल जांद कि म्यार जीजा प्रधान बण गेन।
सरपंच क स्याळ न अपर जीजा को उपहास उड़ाई कि द्वी चार विदेशी व्हिस्की बोतल मिली हूंद तो मि जाणी जांद कि म्यार जीजा जी सरपंच छन।
ब्लॉक प्रमुख पर पत्नी को प्रेसर आयी कि सोना क ना सै चांदी क कमरबंद ही सै।
वीडीओ पर बि पारिवारिक अर ससुराल बिटेन उपहास मेल से आई कि कुछ मिल्दो हम तै तो पता चल्दो तुम वीडिओ छा।
पटवारी पर बि नौनाक ट्यूशन फीस को अतिरिक्त प्रेसर चाउ तो पटवारी न प्रेसर रिलीज हेतु प्रधान जी कुण आदेश कम प्रार्थना बिंडी भेज।
अर सब्युंन प्रधान जी पर प्रेसर डाळ कि हमर प्रेसर दूर कारो जी। बात बि सै च। गाँवों म विकास को कुछ कार्य होला तो ही यूं भद्र जनों क पारिवारिक प्रेसर कम होलु. तो यि सब प्रधान पर प्रेसर डळण लग गेन कि गांवक क्वी बड़ो विकास कौरो जी। ग्विल्ल नागरा को रोट कटण हो तो कुछ बिंडी नि करण पोड़द कबि बि काटि ल्यावो। ब्लॉक प्रमुख से सरपंच तलक क प्रेसर कम तबि होलु जब अठवाड़ हो जख ब्याला -बखर कटे जांदन। तो ग्राम प्रधान जीम इन ग्राम विकास योजना हूण चयेणी छे जो सब्युंक थैला भौर साक। वीडीओ , ब्लॉक प्रमुख अर सरपंच प्रति मैना ग्राम प्रधान तैं पुछदा छा कुछ योजना क बड़ा म पता बि चल कि अठवाड़ पूजा ह्वे साको। एक बात म सब एकजनि छा कि घूस खाणो तो अगनै किन्तु ग्रामीण विकास क्या करण म सब शून्य।
ग्राम प्रधान तै पांच -दस लाख रुपया वळ विकास योजना क्या क्या ह्वे सकद समज म नि आणु छौ। तभि मोदी जीक अमृत सरोवर योजना आयी। अर ग्राम प्रधान जी तै सब भद्र जनों क प्रेसर रिलीज को मार्ग मिल गे।
पहाड़ी गढवाळ म कम ही जगा हूण से सरोवर योजना कम ही समिण ऐन , गढ़पुर गांव छोड़ि।
सन बावन त्रेपन म के एम् मुंशी जी क प्रेरणा से पेड़ लगाओ आंदोलन चल छौ। गाँवों तै निशुल्क पेड़ मिलेन। सैत च कुछ अनुदान बि मील होलु तो तब गढ़पुर गांव म एक ढलान पर संजैत बगीचा निर्मित ह्वे छौ। संजैत सहयोग व श्रमदान से बगीचा निर्मित ह्वे छौ। चारों छ्वाड़ पचास साथ फ़ीट दीवार फिराए गे छौ। शेष पेड़ों की देखरेख को कार्य भगवान बद्रीनाथ जी तैं दिए गे। भगवान बद्रीनाथ तो दूर रंदन तो बगीचा क हाल बि इनि छौ जन एक अनाथ बच्चा को हूंद। बगीचा भितर फलदार पेड़ों अतिरिक्त सब कुछ छौ। हां बगीचा को दिवार लगभग अबि तलक पूरी न सै कुछ सीमा तक ठीक ही छे। ग्राम प्रधान का चक्षु खुलेन अर बगीचा क चारों छ्वाड़ क दीवारों क पुनर्निर्माण ह्वे , सब दीवार सीमेंटेड करे गेन अर छै सौ वर्ग मीटर को सरोवर निर्मित ह्वे गे (कागजों म )। अठवाड़ ह्वे गे तो सब तैं कुछ ना कुछ लुतकी मील गे। अर्थात पंचयत सदस्य , पटवारी , सरपंच , वीडीओ अर ब्लॉक प्रमुख ते तौंक पदानुसार लुतकी मील तो आठ लाख म अमृत सरोवर निर्मित ह्वे गे. सब प्रसन्न छा कि अमृत सरोवर निर्मित ह्वे गे। धामी जी बि पुळेणा छा कि गाँवों म अमृत सरोवर निर्मित हूणा छन। मोदी जी क पता नि चल कि तौं तै बि ज्ञान ह्वे कि गढ़वाल म सरोवर निर्मित ह्वेन।
बरसात म जब बगीचा क मुड़ी . छ्वाड़ पाणी जमा ह्वे तो प्रफेसनल ढ़ंग से विडिओग्राफी अर फोटोग्राफी ह्वे कि सरोवर भरे गे। बिल पास हूणी छौ किलैकि सब तै पदानुसार लुतकी जि मिल गे छे।
द्वी तीन वर्षों उपरान्त एक अधिकारी सरोवर फ़ाइल दिखणु छौ तो वै अधिकारी तैं गढ़पुर क सरोवर दिखणो तीब्र इच्छा ह्वे। तैन प्रोटोकॉल अनुसार सूचना पटवारी तैं भेज कि फलण -फलण दिन वो सरोवर दिखणो आणा छन। सूचना मिल्दी रातों रात ग्राम प्रधान न ठेकेदार कुण ब्वाल अर सरोवर का मुड़ छ्वाड़ क दीवार पूरी ध्वस्त करे गे अर बैक डेटेड सूचना पटवारी , ब्लॉक म बि पौंछ गे।
पटवारी न अधिकारी कुण सूचना भेज कि चूँकि सरोवर की दीवार बौग गे तो सरोवर दर्शन नि ह्वे सकदन।
बिचर अधिकारी निरसे गे कि गढ़वाल म छै सौ बर्ग मीटर क कृत्रिम सरोवर दिखणो नि मील।
किन्तु अधिकारी क नाक बड़ी संवेदनशील छे। वै तैं गंध लग गे कि स्याळी तैं अंगूठी पैराणो समय ऐ गे।
अधिकारी न पुनः टुट्युं सरोवर दिखणो इच्छा व्यक्त कार तो पटवारी न बतै दे कि द्वीन दिन पैल सरोवर चोरी ह्वे गे अर पटवारी म परहम सूचना रिपोर्ट बि करे गे
अधिकारी जी अनआधिकारिक तौर पर गढ़पुर ऐन , सुणन आयी कि अधिकारी जीक स्याळी जीजा जी से अंगूठी भेंट म मिलण से खूब पुळेणी च बल ।