जानिये गढ़वाली नाटककार श्री ओम प्रकाश सेमवाल के बारे में उनकी जवानी ( श्री से भीष्म कुकरेती की वार्ता )
(अधिकतर समीक्षक किसी नाटककार के नाटकों के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। कुछ समीक्षक नाटककार को जानते हैं तो नाटककार के बारे में विषय दे देते हैं। एक समीक्षक स्वयं नाटककार भी होता है। तो यह भी आवश्यक है कि नाटककार अपने विषय में स्वयं भी बताये। इस श्रृंखला में मैं गढ़वाली के प्रसिद्ध नाटककारों के बारे में उन्ही की जवानी जान्ने का प्रयत्न करूंगा -भीष्म कुकरेती )
भीष्म कुकरेती – जी नमस्कार। अपने बारे में संक्षिप्त में जानकारी देकर अनुग्रहित कीजिये
उत्तर -ओम प्रकाश सेमवाल
जन्म तिथि – 10 नवम्बर 1965
जन्म स्थान – ग्राम- दरम्वाड़ी रुद्रप्रयाग
आधारिक शिक्षा – आधारिक विद्यालय जाखधार
जूनियर हाईस्कूल मालतोली
रा. इ.काॅ. श्रीनगर गढ़वाल
उच्च शिक्षा – गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल
व्यवसाय व आजीविका साधन – अध्यापन 26 जुलाई 1990 से
वर्तमान में – मई 2026 तक प्रधानाचार्य रा इ काॅ मालतोली रुद्रप्रयाग।
बचपन में सबसे पहला नाटक (रामलीला, कृष्णा लीला या अन्य।
उत्तर – रामलीला में प्रतिभाग
क्या अपने बादी -बदेण के लोक नाटक देखे हैं ?
उत्तर- नहीं उन्हें बेड़ा गीत गाते देखा है
कौन कौन से नाटक शिक्षा लेते समय देखे
उत्तर – पृथ्वीराज चौहान
किस नाटककार ने सर्वाधिक प्रेरित किया
उत्तर – गढ़वाली भाषा में श्री कुलानन्द घनशाला हिन्दी में डाॅ नन्द किशोर हटवाल, श्री गिरीश सुन्दरियाल, श्री हरीश जुयाल ‘कुटज’
भीष्म कुकरेती -अब तक आपने कितने नाटक लिखे ?
उत्तर – चुनौ नाटक संग्रह में प्रकाशित वही सब नाटक
भीष्म कुकरेती – पहला नाटक कौन सा लिखा ?
उत्तर – भात जिसे चुनौ संग्रह में नहीं छापा यह भात गढ़वाली कहानी पर आधारित नाटक है
भीष्म कुकरेती – कितने नाटक प्रकाशित हुए ?नाम दीजिये प्लीज
उत्तर – चुनौ नाटक संग्रह एक पुस्तक
भीष्म कुकरेती – कौन कौन से नाटकों का मंचन हुआ –
उत्तर – चुनौ,गरीबि,नौकरि, नशा,धौंस,ब्यो,दैजु एवं दगड़ि
भीष्म कुकरेती – आपके नाटक किस किस वर्ग में आते है –
उत्तर – सामाजिक ग्रामीण विषय एवं राजनीति भ्रस्ट तंत्र आदि -प्रेरक राजनैतिक नाटक सामजिक बुराई दिखाते व समाधान
पलायन दर्शाते नाटक
आजीविकाहीनता व समाधान
विषयक ——————————-नाटक नाम
राजनीति भ्रस्ट तंत्र आदि –
प्रेरक राजनैतिक नाटक
सामजिक बुराई दिखाते व समाधान
पलायन दर्शाते नाटक
आजीविकाहीनता व समाधान –
स्वास्थ्य संबंधी
प्रशासनिक भ्रस्ट तंत्र –
वर्ग या वर्ण भेद –
धार्मिक व सांस्कृतिक –
शुद्ध व्यंग्य –
शुद्ध मनोरंजन –
स्किट्स या अति लघु नाटक
गीत नाटक –
भीष्म कुकरेती – नाटक लिखने से पहले विषय मन में कैसे आते हैं ?
उत्तर – अपने चारों ओर के समाज और उन पर आधारित विषय
भीष्म कुकरेती -साधारणतया कितने दिन मन ही मन में नाटक बुनते हो ?
उत्तर – लगभग 10-15 दिन
भीष्म कुकरेती – कितने दिन में नाटक पूरा हो जाता है
उत्तर – एक सप्ताह
भीष्म कुकरेती – चरित्र चित्रण हेतु क्या तकनीक अपनाते हो ?
उत्तर – पात्रानुकूल भाषा
भीष्म कुकरेती – आपके नाटकों में संवादों के बारे में सयम की राय ?
उत्तर – पात्र जो रिश्ता दूसरे पात्र से रखता है आदि
भीष्म कुकरेती – उद्देश्य को कैसे दर्शकों के सामने लाते हो ?
उत्तर – नाटक के अंत में पात्रों के वार्तालाप से
भीष्म कुकरेती – वार्तालाप के कुछ उदाहरण दीजिये
उत्तर –
(चुनौ नाटक से)
गबरु-अरे हमारि योजना फेल ह्वेगे अब त पोलिंग पार्टी वळा भि कनै पटौण।
शेरु- क्य ह्वलु अब, कनै बक्सा ख्वन अरे तौं कमिनौंन सब गड़बड़ करैलि।यनि हार्यां तनि हार्यां तख जैक तौं तैं पीटदा छिन।
भीष्म कुकरेती – भाषा कौन सी प्रयोग करते हो –
उत्तर – गढ़वाली भाषा
भीष्म कुकरेती – इतर भाषाओं उर्दू , अंग्रेजी , हिंदी का प्रयोग कैसे करते हो ?
उत्तर -हिन्दी, अंग्रेजी के कुछ शब्द जो गढ़वाली भाषा में प्रचलित हैं
भीष्म कुकरेती – दर्शक भिन्न भिन्न क्षेत्रों के होते हैं तो भाषायी कठिनाई को सुलझाने के लिए क्या करते हो ?
उत्तर – अभी तक गढ़वाली भाषा बोलने वालों ने ही देखे नाटक
भीष्म कुकरेती – मंचन हेतु क्या-क्या कार्य करते हो ?
उत्तर – अधिक कुछ नहीं पहले से बने मंच पर प्रदर्शन
भीष्म कुकरेती – निदेशक को ढूँढना या प्रदर्शक को ढूंढा कौन अधिक कारगर साबित हुए हैं ?
उत्तर – दोनों
भीष्म कुकरेती – गढ़वाली नाटक प्रकाशन की क्या क्या समस्याएं हैं ?
उत्तर – प्रकाशक तो हैं पर पाठक कम हैं
भीष्म कुकरेती – गढ़वाली नाटकों के मंचन की समस्याएं क्या हैं व समाधान (विस्तार से ) –
उत्तर – सुनने और देखने वाले बहुत कम हैं नाटकों के लिए माहौल तैयार करना पड़ेगा
भीष्म कुकरेती – अपने नाटकों के बारे में में क्या कहेंगे ?
उत्तर – मैं जब रा इ काॅ चोपता में था (1990-2004) तो विभिन्न खास दिवसों पर नाटक प्रदर्शन करते थे
भीष्म कुकरेती -अपने को गढ़वाली नाट्य संसार में कहाँ रखना चाहोगे ?
उत्तर – अभी सीखने की जिज्ञासा है इससे अधिक कुछ नहीं
भीष्म कुकरेती – गढ़वाली नाट्य संसार में आपको कैसे याद किया जाएगा ?
उत्तर – यह पाठकों पर निर्भर करेगा