मिलाम के एक छाज में काष्ठ कला
मिलाम (मुन्सियारी पिथौरागढ़ ) के एक भवन छाज में काष्ठ अलंकरण, काष्ठ उत्कीर्णन अंकन
Traditional House Wood Carving Art of Milam ,Munsiyari , Pithoragarh
कुमाऊँ,के भवनों ( बाखली,तिबारी , निमदारी,छाजो, खोली स्तम्भ) में कुमाऊं शैली की काष्ठ कला अलंकरण, काष्ठ उत्कीर्णन , अंकन -638
संकलन – भीष्म कुकरेती
पिथौरागढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों से काश्त युक्त भवनों की अच्छी संख्या में सूचना मिली हैं। आज इसी क्रम में मिलाम के एक भवन के छाज (झरोखा ) में काष्ठ कला पर चर्चा होगी। छाज के नीचे एक द्वार या छाज निर्मित हुआ लगता है। एक तल व दुसरे तल के मध्य शक्तिशाली मोटी दो बौळी /मेहराब हैं । आम तौर पर मेहराब या बौळियों में काष्ठ कला अंकित होती हैं किन्तु इस भवन की बौळी (मेहराब ) पर कोई अंकन उत्कीर्णन नहीं हुआ है।
छाज (छेड़ या ढुड्यार ) के दोनों ओर काष्ठ स्तम्भ स्थापित हुए हैं। स्तम्भ के आधार में मुंगर जैसी कोई आकृति उलटी है व उसमे जैसे उलटे हाथ अंकित हुए हैं। इस आकृति के ऊपर दो ड्यूल हैं व ड्यूल के ऊपर अधोगामी व उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल से सजी दबल जैसी आकृति है। इस आकृति के ऊपर फिर ड्युल हैं व उसके ऊपर दो हुक्के (लौकी जैसे ) की आकृति में फर्न पत्तियों का अंकन युक्त आकृति हैं। इस आकृति के ऊपर ड्यूल हैं।
ड्यूल के ऊपर ड्यूल का बिसौण अंकन हुआ है व उसके ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल की आकृति युक्त आकृति स्थापित है। इस आकृति के ऊपर स्तम्भ पर S आकृति अंकित है व इसके ऊपर स्तम्भ सीधा हो ऊपर जाकर शीर्ष में मुरिन्ड /शीर्ष की कड़ी बन जाती हैं। ऊर्घ्वाकार पद्म आकृति के ऊपर से स्तम्भ पर शीर्ष से नीचे तोरणम स्थापित है। आस्चर्य है कि तोरणम के स्कन्धों में कोई उत्कीर्णन नहीं हुआ है। संभवतया उत्कीर्णन मिट गया होगा।
छाज की संरचना व कला बताती है कि भवन में उच्च प्रकार की काष्ठ कला संरचना रही होंगी जैसे कि सीमावर्ती पिथौरागढ़ के मुन्सियारी , कुटी या गाब्रियल , जौहर घाटी में मिलती हैं।
निष्कर्ष निकलता है कि भवन की छाज में प्राकृतिक व ज्यामितीय अलंकृत कला उत्कीर्णित हुआ है।
सूचना व फोटो आभार:शुभम मानसिंह
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी। . भौगोलिक मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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