लेजान्दी दाँ हौल, देन्दी दाँ लाखड़ु ।
कखी डालु ढली, खक गोजु मारी ।
जन मेरी गौड़ी रमाण च, तन दुधार भी होन्दी ।
स्याल, कुखड़ों सी हौल लगदु त बल्द भुखा नि मरदा क्या ?(मेंढकुं सी जु हौल लगदु त लोग बल्द किलै पाल्दा ?)
बुडीड पली ही इदगा छै, अब त वेकु नाती जु हुवेगी ।
हैंका लाटु हसान्दु च, अर अपडु रुवान्दु च ।
बर्तियुं पाणी क्य बरतण, तापियुं घाम क्य तापण ।
बाखुरी कु ज्यू भी नि जाऊ, बाग भी भुकु नि राऊ ।
लौ भैंस जोड़ी, नितर कपाल देन्दु फ़ोड़ी ।
जख मेल तख खेल, जख फ़ूट तख लूट ।
लगी घुंडा, फ़ूटी आँख ।
जख सोणु च तख नाक नि च, जख नाक च तख सोणु नि च ।
जाणदु नि च बिछी कु मंत्र, साँपे दुली डाल्दु हाथ ।
तू ठगानी कु ठग, मी जाति कु ठग ।
ठुलो गोरू लोण बुकाओ,छोटु गोरू थोबड़ु चाटु।
लूण त्येरी व्वेन नी धोली,आंखा मीकु तकणा।
भुंड न बास, अर शरील उदास ।
भिंडि खाणु तै जोगी हुवे अर बासा रात भुक्कु ही रै ।
अपड़ा जोगी जोग्ता , पल्या गौं कु संत ।
बिराणी पीठ मा खावा, हग्दी दाँ गीत गावा ।
पैली खयाली छारु(खारु), फ़िर भाडा पोछणी ।
ब्वारी खति ना… , सासु मिठौण लग्युं… ।
खाँदी दाँ गेंडका सा, कामों दाँ मेंढका सा ।(कामों दाँ आंखरो-कांखरो, खाँदी दाँ मोटो बाखरो ।)
खायी ना प्यायी, बीच बाटा मारणु कु आयी ।
बांटी बूंटी खाणि गुड़ मिठै, इखुलि इखुलि खाणि गारे कटै।
भग्यानो भै काल़ो, अभाग्यू नौनू काल़ो।
नोनियाल की लाईं आग , जनाना को देखुयुँ बाघ
जै बौ पर जादा सारू छौ वे भैजी भैजी बुन्नी
बाग गिजी बाखरी बिटि, चोर गिजी काखड़ी बिटि ।
म्यारू नौनु दूँ नि सकुदु , २० पता ख़ूब सकुदु ।