
उत्तराखंड संबंधित पौराणिक पात्रों की कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी मौलिक गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
ब्रह्मा पुत्र प्रजापति दक्ष की अनिच्छा से दक्ष पुत्री अर शिवजी ब्यौ ह्वे। एक दैं प्रजापति न कनखल म एक बड़ो यज्ञ उरयाई जखमा सब देवताओं , ऋषियों तैं अर बेटिओं व जनवाययों तै न्यूत दिए गे छौ किन्तु दक्ष न बेटी सती अर जंवाई शिव तैं न्यूत नि दे। सती क बैणी रोहणी अर पति विमान से उड़द देखि सती न पता लगाई कि पिता दक्ष न यज्ञ उर्यायुं च। सती न शिवजी से यज्ञ म सम्मलित हूणो आग्रह कार। शिवजी न ना बोल दे किन्तु पत्नी हठ अर बाल हठ क समिण कैकि नि चलदी। सती शिव गणों दगड़ दक्ष यज्ञ म चल गे। तख दक्ष न पुनः शिवजी क अपमान कार। सती न पिता तैं खरी खोटी सुणायी अर यज्ञ कुंड म भष्म ह्वे गे।
300 से बिंडी मौलिक गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
ब्रह्मा पुत्र प्रजापति दक्ष की अनिच्छा से दक्ष पुत्री अर शिवजी ब्यौ ह्वे। एक दैं प्रजापति न कनखल म एक बड़ो यज्ञ उरयाई जखमा सब देवताओं , ऋषियों तैं अर बेटिओं व जनवाययों तै न्यूत दिए गे छौ किन्तु दक्ष न बेटी सती अर जंवाई शिव तैं न्यूत नि दे। सती क बैणी रोहणी अर पति विमान से उड़द देखि सती न पता लगाई कि पिता दक्ष न यज्ञ उर्यायुं च। सती न शिवजी से यज्ञ म सम्मलित हूणो आग्रह कार। शिवजी न ना बोल दे किन्तु पत्नी हठ अर बाल हठ क समिण कैकि नि चलदी। सती शिव गणों दगड़ दक्ष यज्ञ म चल गे। तख दक्ष न पुनः शिवजी क अपमान कार। सती न पिता तैं खरी खोटी सुणायी अर यज्ञ कुंड म भष्म ह्वे गे।
शिवजी तैं पता चल तो तौंन अपर जटा से एक वीर गण पैदा कौर अर जैक नाम वीरभद्र पोड़। वीरभद्र तै दक्ष क यज्ञ म भिजे गे। वीरभद्र न यज्ञ को विध्वंस कार अर दक्ष को सर धड़ से अलग कोरी सर तैं यज्ञ कुंड म जळै दे। जो बि शिव विरोधी छा तौं तैं वीरभद्र न धनद दे।
सर्वत्र हाहाकार मच गे तब ब्रह्मा जी न शिवजी से विनती कार , शिवजी न दक्ष क मुंड क स्थान पर बुगठया क मुंड लगै दे।
वीरभद्र क पूजा उत्तराखंड म शिव गण रूप म हूंदी किन्तु दक्षिण आंध्र म शिव अवतार रूप म।