विज्ञान
जु यु बनि-बनि कु ग्यान च
येका पैथर विज्ञान च
देश दुन्यां मा जु शान च
भौतिकता की पछांण च
येका पैथर विज्ञान च।
विज्ञान रे त वैज्ञानिक बणीं
जौंन नयु नयु आविष्कार करी
अब त सु जमानू कख रै
जब हमुन अंधविश्वास करी।
हर बिमारी दवे ह्वेगी
विज्ञान न क्या नि करी
सोची समझी विचार करी
विज्ञान का रंग जीवन मा भरी।
––@पूजा राणा राउमावि पालाकुराली रूद्रप्रयाग।
नै लिख्वार नै पौध—-कै भी संस्कृति साहित्य की पछांण ह्वोण खाणै छ्वीं तैंकि नै छ्वाळि से पता चलि सकदि। आज हमारी गढ़भाषा तै ना सिरप सुंण्ढा छिन बलकन नै पीढ़ी गीत गुंणमुंडाणी भी च त लिखणी भी च यन मा गढभाषा का वास्ता यन विकास का ढुंग्गू
——संकलन–@ अश्विनी गौड़ दानकोट रूद्रप्रयाग