जैंकु बुबा थाणेदार
वींका खुंगला पुरस्कार
जैंकु अपणु न पर्या
वीं तैं प्वोर मु धर्या
जैका मुंड मा मुंड्यासी
पार ह्वेगी सैडी मवासी
जैंकु नी क्वे बोल्दारू
वींकु सदानी कु मुंडारू
ज्वा जाणदी सार-तार
वींका खुंगला पुरस्कार
जैंका आंगा-फांगा टुट्यां
वीं तैं सब्बी लोग रुठ्यां
जैंकु आंगडु फट्यूं च
वींकु भाग नठ्यूं च
जैंकु भैजी हवलदार
वींका कीसा पुरस्कार।
-डॉ.वीरेन्द्र बर्त्वाल,देहरादून
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