गुप्तकाशी के भवन संख्या १ में काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन अंकन
Traditional House wood Carving Art of Guptkashi , Rudraprayag :
गढ़वाल, के भवन (तिबारी, निमदारी, जंगलेदार मकान, खोलियों ) में पारम्परिक गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन अंकन,-641
संकलन – भीष्म कुकरेती
गुप्तकाशी से अच्छी संख्या में काष्ठ कला युक्त भवनों की सूचना मिली हैं। आज गुप्तकाशी के भवन संख्या १ की काष्ठ कला पर चर्चा होगी।
गुप्तकाशी का प्रस्तुत भवन तिपुर व दुपुर या बहुखंडी है। भवन के तीसरा तल ही काष्ठ कला दृष्टि से महत्वपूर्ण है। तीसरे तल में एक कक्ष की सारी दीवारें काष्ठ की हैं सपाट पटिलों /तख्तों से दीवार निर्मित हुयी हैं। भवन के इस तल के बाहर की और दो बालकोनी में हैं। ऊँची व कम ऊँची बालकोनी। प्रत्येक बालकोनी से बाहर जंगले हैं। जंगलों में स्तम्भ लगे हैं। स्तम्भों के आधार व ऊपर आयताकार मोटाई लिए काष्ठ संरचनायें हैं। स्तम्भ सपाट व ज्यामितीय कटान से निर्मित हुयी हैं। टिन की छत वाले कक्ष में काष्ठ कला में ज्यामितीय कटान के अतिरिक्त कोई उत्कीर्णन नहीं है. प्रस्तुत भवन का महत्व काष्ठ कला में निर्माण शैली कला हेतु महत्व है नाकि काष्ठ अंकन या उत्कीर्णन हेतु।
प्रस्तुत गुप्तकाशी का भवन संख्या १ ज्यामितीय काष्ठ कटान का अच्छा उदाहरण है।
सूचना व फोटो आभार: चरण सिंह केदारखण्डी
* यह आलेख भवन कला संबंधी है न कि मिल्कियत संबंधी, भौगोलिक स्तिथि संबंधी। भौगोलिक व मिलकियत की सूचना श्रुति से मिली है अत: अंतर के लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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