Ozarkhed Dam becoming Famous Food Tourist Place
भोजन पर्यटन विकास -8
Food /Culinary Tourism Development 8
उत्तराखंड पर्यटन प्रबंधन परिकल्पना – 394
Uttarakhand Tourism and Hospitality Management -394
आलेख – विपणन आचार्य भीष्म कुकरेती
महराष्ट्र का ओजरखेड डाम नासिक – सापुतारा या गुजरात सड़क पर नासिक शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर है। ओजरखेड डाम का निर्माण उनंदा नदी पर 1982 में पूरा हुआ था। ओजरखेड डाम ने वाणी तालुका की तस्वीर ही बदल डाली है। सिंचाई उद्देश्य पूरा करने के अतिरिक्त ओजरखेड डाम ने इस क्षेत्र को भोजन पर्यटन में भी प्रसिद्धि दिलाई है।
ओजरखेड डाम के बिलकुल सामने एक तपड़े में होटल्स या फ़ूड हब खुल गए हैं। लगभग सभी भोजनालय मच्छी भोजन परोसते हैं और इन भोजनालयों द्वारा जायकेदार मच्छी पकवान ने ओजरखेड डाम को वास्तव में भोजन पर्यटक स्थल में परिवर्तित कर दिया है। कई तरह के मच्छी पकवानों व अन्य भोजन के कारण स्वाद प्रेमियों हेतु ओजरखेड आकर्षक स्थल बन गया है। कई अन्य मराठी भोज्य भी यहां उपलब्ध हैं जो सोने में सुहागा जैसा ही है। पर्यटक मच्छी भी खरीद ले जाते हैं। पहले यह स्थल ओजरखेड डाम के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता था अब मच्छी व अन्य भोजन के कारण नासिक के व अन्य पर्यटकों को ओजरखेड खींचने में समर्थ है।
नासिक से पर्यटक भोजन तृष्णा शान्ति हेतु मय परिवार या दोस्तों के साथ आते हैं व साथ में डाम दर्शन व देवस्थल (15 किलोमीटर दूर ) दर्शन भी कर लेते हैं।
नासिक से ओजरखेड मध्य कई अंगूर बाग़ भी ओजरखेड पर्यटन विकास हेतु सहायक माध्यम बने हैं। अंगूर बाग़ भ्रमण व सुले विनयार्ड में वाइन का स्वाद भी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
साथ में पर्यटक स्थानीय अनाज , दाल , भाजी व मसाले भी खरीदते हैं जो ग्रामीण आर्थिक विकास में उत्प्रेक का काम करते हैं। ओजरखेड फ़ूड हब से पर्यटक वेजिटेरियन पूरण पूड़ी ( दलभरा छोटा परोठा ) भी खरीदते हैं जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल देने में समर्थ है।
मानसून समय में ओजरखेड डाम देखने पर्यटकों की भीड़ अधिक होती है। बाकी समय भोजन प्रेमयों को यह स्थल भाता है।
डाम एक अवसर था जिसे स्थानीय उद्यमियों ने ग्रामीण पर्यटन को विकसित करने में अप्रतिम योगदान दिया है।