(वियतनामी लोक कथा )
अनुवाद: 250 से बिंडी कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
भौत समय पैली एक गां मा द्वी झण छा तौंकि द्वी बेटी छई। माई छुटि छे। यी सब एक हैंक से बड़ा प्यार करदा छा अर आदर करदा छ। सब जणदा छा कि छूती तैं पीलो रंग रुचिकर लगद अर तैं तै प्रकृति से भौत प्रेम च। तैंकि दीदी तैं अपर ब्वे क दगड़ रौण भल लगद छौ तो माई अपर बूबा जी दगड़ शिकार खिलणम , लखड़ कटणम आनंद आंद छौ। स्याम दैं माई दिन भर की गति विधि रुस्वड़ दिबतौं दगड़ साझा करदि छे। वा मणदि छे कि रुस्वड़ दिबतौं कारण ही स्वादिस्ट अर भरपेट भोजन मिल्द।
एक दिन सबसे बड़ रुस्वड दिबता न अपर स्वर्ग की वार्षिक जात्रा की बात अन्य दिबतौं तै बताई। बड़ रुस्वड़ दिबता की इच्छा छे कि सब काँप मछली म चढ़ी स्वर जावन। छुटिन ब्वाल , ” हम तुम कुण काँप मच्छी ल्है ओल्या” । . अर रुस्वड़ दिबतौं तै वीं स्याम मछली भेंट म मिल गेन।
गर्म्युं समय छौ। गां वळुंन चितायी कि तौंक पशु एक एक कौरि कम हूणा छन अर को लिजाणु च बि नी पता चलणु च ।
माई क बूबा जीन स्वाच , ” मैं नी लगद कि क्रूरमांशाहारी पशु वापस ऐ गे हो। ” माई क बूबा जीन तै करोड़ पशु तैं घैल कौर अर गां वळुंन तै तै उड़्यार पुटुक बंद कौर दे छौ अर ड्वार पर बड़ा बड़ा पत्थर धर दे छा । बूबा जीन स्वाच , ” अब तक तो स्यु पशु मर गे होलु “
लोग अब अपर गोरुं तै संध्या से पैलि छनि /सन्नी (गौशाला ) म बंद कर दींदा छा। माई क बुबा जी छोड़ि क्वी बि बौण जाण से अति भयभीत छा। माई क बूबा जी निडर, निर्भीक व बौण क घातक क्रूर पशुओं तै मरण म सक्षम छौ अर दौड़न म बि सबसे अगनै छौ। ग्राम रक्षक को रूप म सब तैकी प्रशंसा करदा छा।
एक दिन तब , माई, माई क बुबा जी अर कुछ शक्तिशाली मनिख सुबेर सुबेर बौण जिना क्रूर पशु क खोज म गेन।
माई क बुबा जीन गौं वळो अर माई कुण ब्वाल , तुम इना रावो मि पहाड़ी जीना पशु तै दिखुद।
माई न ब्वाल , “बुबा जी मि तुमर दगड़ जौल कि ह्वे सकद च तुम तै मेरी सहायता की आवश्यकता पोड़ जा “
माई क बुबा जी तै माई क वीरता व शिकार खिलणों शक्ति पर विश्वास छौ इलै वैन वीं तै दगड़ म ले अर पहाड़ी जिना चल गे।
छुटि लड़की माई अपर बुबा जीक निर्देश अनुसार जंगळ गे अर वींन उड्यार खोज ले। क्रूर पशु जो अदा मनिख अर सांप छौ बड़ी तेजी से तौंक ओर आयी अर तैक तीजी से पेड़ पौधा उखड गेन।
माई अर पशु मध्य युद्ध शुरू ह्वे , युद्ध बड़ो तेज छौ। माई न पशु मार दे किन्तु पशु मरदो दैं जोर से भ्यूं पड्नु छौ कि टैक पूँछ माई पर पोड़ अर पशु तो मोर इ छौ सया बि मर गे।
गां वळों न तैं पत्थरों मध्य खड़्यार दे कि क्वी नि देख साको केवल ठुल्ल रुस्वड़ दिबता देख सकदा छा।
स्वर्ग क बाट म ठुल्ल रुस्वड़ दिबता से तैन वरदान मांग कि वा अपर परिवार क निकट राओ। ठुल्ल रुस्वड़ दिबता न बरदान दे कि केवल टेट दिनों म नौ दिनों वास्ता वा पृथ्वी म राली।
टेट क समय लोगों न पायी कि एक पेड़ च जै पर आकर्षक , सुगंधित पीला फूल लग्यां छन। अस्चर्य ! सि फूल केवल नौ दिनों कुण छा अर उपरान्त म सि फूल पट्टी आदि म परिवर्तित ह्वे गेन। लोगों न यूं फूलूँ तै माई नाम दे जो वीर , शक्तिशाली , निर्भीक व गां हेतु त्यागी छे।