मुंडरुम सिर अलग (ननि नाटिका, Skit )
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(ननि ननि नाटिका श्रृंखला)
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नौटंकी – भीष्म कुकरेती
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पात्र कुछ अस्वस्थ मनिख
स्थल – क्लिनिक रिसेप्सन। कुछ अस्वस्थ मनिख बेंच म बैठ्यां छन , समिण रेसेप्सनिष्ट बैठीं च।
हॉस्पिटल हाल समिण पर च जख बिटेन एक एक कौरि अस्वस्थ भैर आंदन।
एक व्यक्ति जैक खुट क अंगूठा पर पट्टी च भैर आंद – म्यार अंगूठा म डा हूणु छौ तो डाक्टरन अंगूठा काटि दे अब स्वस्थ छौं।
दुसर मनखिण भैर आंदि तैक कंदूड़ पर पट्टी बंधीं च – म्यार कंदूद पर डा छा। डाक्टरन कंदूड़ काटि दे। अब मि स्वस्थ छौं।
तिसर व्यक्ति बैसाखी क सहारा पर चलद चलद भैर आंदो – म्यार खुट पर बड़ी पीड़ा छी, डाक्टरन खूट काट दे अब चैन च।
बेंच म बैठ्युं व्यक्ति भैर दौड़न मिसे जांद।
रिसेप्सनिस्ट – ह्यां ! क्या ह्वाइ ? किलै भैर ?
व्यक्ति – मि तैं तीब्र मुंडरु च।