सार्वजनिक औषधि पादप वनीकरण –
उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म विकास विपणन ( रणनीति )
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन -भाग
लेखक : भीष्म कुकरेती (विपणन व बिक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )
लैटिन नाम Gmline arborea
संस्कृत नाम -गंभारी
पादप वर्णन
गंभारी उष्ण कटबंधीय व उप उष्ण कटबंधीय वृक्ष है जिस पर कम शाखाएं होती हैं।
वृक्ष उंचाई मीटर- 3 -30 व कभी और ऊंचा
तना गोलाई सेंटीमीटर – 50
अन्य भाग
तना मटमैला , ताकतवर
भूमि उंचाई -समुद्र तल से 2100 मीटर तक उग जाता है
वर्षा आवश्यकता mm – 1500 -2500 किन्तु 750 -5000 तक सहनशीलता , ओस व सूखा सहने की ताकत व जलने के बाद नई कोपलें जल्दी आ जाती हैं , तापमान -20 -26 डिग्री सेल्सियस
आर्थिक उपयोगिता
चारा
इमरती व अन्य लकड़ी
मधुमक्खी का भोजन
फल खाये जाते हैं
वृक्ष भाग औषधि निर्माण में उपयोग
जड़ें
जड़ छाल
पत्तियां
फूल
फल
बीज
औषधि उपयोग
बदन दर्द व जलन हेतु
ताकत हतु
पाचन शक्ति वर्धक
हृदय हेतु हितकारी
मूत्रवर्धक
कामोद्दीपक , शुक्राणु वर्धक
माताओं हेतु दुग्धवर्धक
नासिका रक्त श्राव व माहवारी रक्तस्राव रोकथाम , बबासीर रक्तस्राव रोकथाम
सरदर्द निवारक
अति बुखार कम करने में
पेट में ट्यूमर निवारक
कुष्ठ रोग निवारक
जलवायु आवश्यकता – धूपदार भूमि , अम्लीय व क्षारीय मिट्टी में भी। दुम्मट मिट्टी – सही। किन्तु दलदल व दलदलीय अम्लीय मिट्टी में नहीं। pH -6 -8
फूल आने का समय – भूमि , जलवायु अनुसार वर्ष में दो समय , फल फूल आने के एक सप्ताह में आ जाते हैं और बीज दो महीने के अंदर . फूलों में बहुत मधु होता है जो मधुमखी पालन में सहयक।
फल तोड़ने का समय – फल कटे ही
बीज बोने हेतु भंडारी करण समय- एक साल से पहल बीज बोना आवश्यक
बीज बोन का समय – मानसून
नर्सरी भूमि प्रकार
बलुई , धूपदार , सूखी दुम्मट
भूमि तैयारी बीजों के मध्य अंतर – 20 cm
बीज बोने की गहराई – 6 cm
बीजों को 40 घंटे तक मंतत पानी में भिगोना सही
अंकुर आने का अंतराल – 20 -25 -50 दिन , अंकुरण %- 60
रोपण का समय – वर्षा ऋतू
रोपण कली की लम्बाई – लम्बा डमडमा
गड्ढों में अंतर – 2 x 2 मीटर
किसी जंगल में सीधी बुवाई भी की जाती है
रोपण हेतु गहराई आवश्यकता
कलम से भी रोपण मानसून में किया जाता है
खाद आवश्यकता – प्रारंभिक कल में आवश्यक
सिंचाई