Magical crossbow
(वियतनामी लोक कथा )
272 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
हुंग हुंग राजवंश न वियतनाम पर युगों तक राज कार। हुंग राजवंश को अंतिम राजा तै हराणों उपरान्त थुक फान आन दुरोंग व्युओंग न ‘औ विएट’ अर ‘ लैक विएट ‘ देशों तै मिलै दे अर नयो राज को जन्म दे। नयो देस कु नाम ‘ औ लैक; धार। वैन अफु तैं राजा ‘ आन दुरोंग व्युओंग’ घोषित कार अर अब ‘औ लैक ‘ नयो शक्ति केंद्र बण गे छौ।
राजनैतिक व भौगोलिक कारण वैन ‘को लोआ ‘ तैं देस क राजधानी घोशिर कार। वैन राजधानी चर्री ओर दुर्ग निर्माण को आदेश दे जैक दीवालों से राज्य सुरक्षित रावो। किंतु सर्पिलाकार दीवारों क निर्माण म कति कठिनाई ऐन अरदीवाल पूर नि ह्वे। जब बि पूर हूणो आंद छौ दीवाल भ्युं पड़ जांद छौ।
बाक् बुलण वळ बक्कि अनुसार हुंग राजवंश का राजाओं क आत्मा द्वेष व प्रतिशोध क कारण दुर्ग दीवाल नि बणन दीणा छन।
नव राजा आन दुरोंग ब्युओंग न दिवार पूरी करणो हेतु हवन कार , घोर पूजा कार कि दुर्ग दीवार पूरी ह्वे जा।
देवलोक क देव प्रसन्न ह्वेन ऊन एक कछुवा भेज कि ‘ राजा ‘ इच्छा पूरी कोरी आ।
कछुवा क आण पर शक्तिशाली दीवार को निर्माण ह्वे गे। अब राजधानी सुरक्षित छे। कछुवा क कार्य पूर्ण ह्वे गे छौ तो दिबतौं न कछुवा वापस बुलै दे। कछुवा देवलोक जांद दैं राजा तैं अपर ‘पंजा ‘ दे गे अर आदेश दे गे कि “जब बि राजा आन दुरोंग ब्युरोंग तै राजशी धनुष (crossbow ) क ट्रिगर दबाण हो तो ये पंजा तैं ट्रिगर क स्थान पर प्रयोग करिन। यांसे त्यार राज्य सुरक्षित रालो। “
अर ह्वे बि इनि च। भौत वर्षों तक राजा दुरोंग ब्युरोंग अपर राज तै सुरक्षित रखण म सफल ह्वे। भौत दैं चीनी राजा ‘त्री यु दा ; न दुरोंग को राज्य ‘औ लैक ‘ पर आक्रमण कार किन्तु जितण म असफल रै।
अंत तब चीनी राजा न संधि प्रस्ताव राख। चीनी राजा न अपर पुत्र ट्रोंग थुई तै ‘औ लैक ‘ राजकुमारी ‘ मी चौ ; क हथ मांगणों भेज। दुरोंग ब्युरोंग न शादी क प्रस्ताव मान अर चीनी राजकुमार ट्रोंग थुई ‘ तै राज्य म रौणों अनुमति दे दे।
मी चाऊ ‘ से ट्रोंग थुई न ज्ञात कार कि जादुई कछुवा क पंजा से ही राजा ‘औ लैक ‘ तैं सुरक्षित रखण म सफल ह्वे। चुपके से ट्रोंग थुई न दुरोंग व्युओंग क सुनहरा पंजा बदल अर सामान्य पंजा धर दे। एक उपरान्त वैन अपर बुबाजी म जाणों अपर पत्नी से अनुमति मांग। जांद दैं ‘ट्रोंग थुई ‘ न अपर पत्नी तै कौल बचन दे कि वो वींक कठिनाई समय अवश्य सहायता द्याल। राजकुमारी न न ब्वाल कि जब बि वा कठिनाई म ह्वेलि तो बतख क पंख वा मार्ग म फिंकद जाली।
चीनी राजकुमार सुनहरा पंजा लेक चल अपर बूबा क सेवा म चल गे।
सुनहरा पंजा मिलण से उत्साहित चीनी राजा त्रीयु दा न औ लैक पर अचानक शक्ति से आक्रमण कर दे। दुरोंग व्यूरोंग न कई प्रयत्न करिन किन्तु पंजा न क्वी बि शक्ति नि दिखाई निथर पैल यु पंजा सैकड़ों सैनिकों तै मौत का घाट उतार दींदो छौ।
दुरोंग व्यूरोंग तै भगण पोड़। राजा भगद भगद समुद्रो छल तक ऐ। छल पर क्वी बि जाज नि छौ। पैथर क घ्वाड़ा म वेकि बेटी छे।
आतुरदी म पुनः दुरोंग व्यूरोंग न दिबतौं क आवाहन कार अर दिबतौंन पुनः कछुवा भ्याज। कछुवा न राजा तै बताई कि तेरी बेटी न त्वे धोखा दे अर सुनहरा पंजा बदलवाई दे। कछुवा न आज्ञा दे कि अपर बेटी तै मार दे तो त्यार राज बच जालो. राजा न अपर बेटिक सर धड़ से अलग कर दे। राजा तैं लेक कछुवा समुद्र म बिलीन ह्वे गे।
चूंकि राजकुमारी मी चाउ पंख गिरांद गिरांडद आयी तो पैथर पैथर चीनी राजकुमार बि ऐ गे। राजकुमार ट्रोंग थुई न देख कि वैक पत्नी क बेसर शरीर पड़्यु च अर राजकुमारी मी चाउ क रक्त बगद बगद समुद्र म गे जख सीपियूंन रक्त पे अर राजकुमारी मोती बण गे। राजकुमार ट्रोंग थुई बि अपर पत्नी तैं मिलणों समुद्र म डुबकी लगै दे।