खरका (बदलपुर , पौड़ी गढ़वाल ) में गढवाली शैली की भवन काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन
Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of Kharka, Badalpur Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन–663
संकलन – भीष्म कुकरेती
यह सर्व विदित है कि गढ़वाल कुमाऊं में सबसे पहले भवन के छज्जे को बरामदे में परिवर्तन कर जंगला स्थापित करने का श्रेय हरसिल राजा फेड्रिक विल्सन को जाता है।
आज बदलपुर में खरका के एक भवन की काष्ठ कला , उत्कीर्णन पर चर्चा होगी।
खरका का प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। भवन के आधार तल (उबर ) में कक्ष या खड़िकियों में ज्यामितीय कटान की काष्ठ कला विद्यमान है। पहले तल में काष्ठ छज्जा स्थापित है जिसके दास (आधार ) भी काष्ठ के हैं व ज्यामितीय कटान से निर्मित हुए हैं। छज्जे पर जंगला बंधा है। जंगले पर सात से अधिक स्तम्भ (खाम ) दृष्टिगोचर हो रहे हैं। खामों में कुछ विशेष कटान से निम्न भाग व ऊपरी भाग में अंतर निर्मित किया गया है जिससे स्तम्भ आकर्षक दीखते हैं। स्तम्भ शीर्ष की कड़ी से मिलते हैं जो स्पॉट व आयताकार है।
निष्कर्ष निकलता है कि भवन में ज्यामितीय कटान की ही कला विद्यमान है।
सूचना व फोटो आभार: मदन डुकलाण
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन निरंतर Ti
bari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Pauri Garhwal to be continued
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन निरंतर चलता रहेगा