(वियतनामी लोक कथा )
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272 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
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जापान , वियतनाम आदि म खरगोश लाभ , भाग्य को चिन्ह मने जांद। जेड खरगोश संबंधित लोक कथा या परइ कथा म वियतनाम तीन संस्करण मिल्दन। पैलो संस्करण या च –
एक समय की छ्वीं छन जब तीन परी तीनुंन तीन पशुओं स्याळ (लोमड़ी ) , बांदर अर खरगोश की , परिक्षा लीणो विचार से बुडड़ी बण गेन। यूं बुड परियों न बतायी कि यी भुकी छन अर भोजन की आवश्यकता च तो हम तैं भोजन द्यावो क प्रार्थना कार।
लोमड़ी अर बांदर म बुडड्यूं तैं भोजन दीणों छौ। तौंन कुछ दे।
किन्तु खरगोश म कुछ बि नि छौ पर करुणा छे। तैंन बगल म जळदी आग म कुद्दी मार दे अर बुडड्यूं बान भोजन बण गे। तिनि पारी खरगोश को त्याग अर करुणा से भौत प्रभावित ह्वेन अर खरगोश तैं जून (चन्द्रमा ) म ल्ही गेन।
चन्द्रमा म परियों न लेडी मून से खरगोश की मैत्री करवाई।
खरगोश को सरैल शुद्ध व पवित्र ह्वे गे। तब से तै खरगोश कुण जेड खरगोश बुल्दन