टिहरी गढ़वाल मोटर्स ओनर्स यूनियन कॉर्पोरेशन (TGMOC )
Tehari Garhwal Motor Owners Union –
उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म विकास विपणन (पर्यटन इतिहास ) 71
लेखक : भीष्म कुकरेती (विपणन व बिक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )
यद्यपि ऋषिकेश से देवप्रयाग व पश्चात ऋषिकेश -नरेंद्र नगर बस सेवायें रियासत काल में प्रारम्भ हो चूका था किन्तु ब्रिटिश गढ़वाल या कुमाऊं की तर्ज पर कोई मोटर मालिकों की कोई संगठित संस्था न थी। 1953 में टिहरी गढ़वाल के मोटर मालिकों ने यूनियन की स्थापना टिहरी गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन प्राइवेट लिमिटेड नाम से की जो 1978 में पब्लिक में गयी। TGMO के निदेशकों का चुनाव हर पांच साल में होता है।
TGMOC बद्रीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री -यमुनोत्री रूट में बस परिवहन हेतु प्रसिद्ध है।
TGMOC की सेवायें सदूर ग्रामीण क्षेत्र तक हैं और वास्तव में उत्तराखंड परिहवन की रीढ़ की हड्डी है TGMOC . TGMOC दैनिक परिवहन सेवाओं के अतिरिक्त पॅकेज टूर सेवा भी प्रदान करता है। चार धाम यात्रा इतिहास बगैर TGMOC के पूरा नहीं हो सकता है।
टिहरी झील को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पर्यटक स्थल हेतु
उत्तराखंड में स्वतन्त्रता पश्चात आंदोलनों का रुख पर्यटन गामी कम ही रहा है। बुद्धिजवी अभी भी टिहरी झील बाँध का रोना लिए बैठे हैं। आज आवश्यकता है कि समाज सरकार पर दबाब बनाये कि टिहरी झील अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पर्यटक स्थलों में शुमार हो जाय। बहुत कम पहाड़ी क्षेत्र है जहां इस तरह की भौगोलिक स्थिति हो और साथ में गंगा भी हो। अवसरों से लाभ न उठाना सही नहीं होता है। भविष्य का अर्थ ही है जो है उसे ऊँचे स्तर तक ले जाओ।
टिहरी झील के निकट मेडिकल टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं स्पा , यह केंद्र, अपोलो या मैक्सवेल जैसे अन्य चिकित्सालयों का निर्माण , ग्रामीण टूरिज्म आदि की संभावनाएं है जिन्हे धरातल पर लेन की आवश्यकता है।