Uttarakhand Tourism in British Raj -1
( ब्रिटिश युग में उत्तराखंड मेडिकल टूरिज्म )
उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म विकास विपणन (पर्यटन इतिहास ) -57
लेखक : भीष्म कुकरेती (विपणन व बिक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )
ब्रिटिश भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के नाम से व्यापार करने आये थे और व्यापार प्रसारण व रक्षा हेतु ब्रिटिश भारत भाग्य बिधाता बन बैठा।
सन 1803 में अवध नबाब के साथ संधि में अंग्रेजों ने कुमाऊं के भाभर -तराई भार पर अधिकार कर लिया और तराई में एक फैक्ट्री खोल दी। यह फैक्ट्री रेशों से कपड़े , थैले व चीड़ के रेजिन से लीसा निर्माण करती थी। फैक्ट्री हेतु कच्चा माल पहाड़ों से आने लगा। गढ़वाल से भी लोग कच्चा माल जैसे भांग के रेशे व लीसा पंहुचाने लगे।
इतिहासकार बीडी पांडे अनुसार – फैक्ट्री में कम्पनी अधिकारी बार बार एते थे। सभी अधिकारी कुमाऊं की भौगोलिक व प्रकृति से प्रसन्न होते थे। 1802 में लार्ड वेस्ले ने गॉट को कुमाऊं के जंगलों , जलवायु व न्य परिश्थिति निरिक्षणार्थ भेजा। 1811 -12 में मूरक्राफ्ट व कैप्टेन हेनरी तिब्बत गए व वहां सैनकों द्वारा बंदी बना लिए गए। छूटने के बाद उन्होंने कुमाऊं के बारे में अलंकृत भाषा में रिपोर्ट भेजी। कम्पनी उच्च अधिकारी गार्डनर ने भी सकारात्मक रिपोर्ट भेजी। कहते हैं कि सर्वोच्च अधिकारी हेस्टिंग भी काशीपुर होते हुए कुमाऊं आया था। हेस्टिंग ने भी गुप्त रिपोर्ट भेजी थी जिसमे कम्पनी सर्वोच्च अधिकारी हेस्टिंग ने प्रार्थना की थी कि काश ! कुमाऊं जैसा प्रदेश हमारे हाथ लग जाय !
नेपाल संधि से पहले ही ब्रिटिश अधिकारियों ने कुमाऊं को नेपाल से छीनकर हस्तगत करने की ठोस योजना बना ली थी।
कुमाऊं की सकारात्मक रिपोर्टों ने लंदन में बैठे निर्णय में सक्षम अधिकारियों को भी कुमाऊं के प्रति आकर्षण पैदा किया था। आज भी ये रिपोर्टें कुमाऊं को प्रसिद्धि दिलाती ही रहती हैं।
डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का पर्यटन विकास व स्थान छविकरण ( प्लेस ब्रैंडिंग ) में महत्व
डॉक्यूमेंट्री फिल्म व पर्यटन का चोली दामन का साथ है। जब ल्यूमेरे बंधुओं ने 1895 में मूविंग कैमरा अन्वेषित किया तो पर्यटन उद्यम को एक नया माध्यम मिला। लुमेरे बंधुओं की फ़िल्में – अ ‘गंडोला सीन इन वेनिस ‘ व ‘द फिश मार्केट ऐट मार्सेलीज फ्रांस ‘ , ‘द बात ऑफ मिनर्वा ऐट मिलान ‘ फ़िल्में पर्यटन उद्यम में मील स्तम्भ हैं। इन फिल्मों ने पर्यटन जगत में क्रान्ति ला दी थी। वर्तमान में भी पयटन में फिल्म पर्यटन (Film Tourism ) बहुत प्रचलित हो गया है। टूरिस्ट ब्रैंड डॉक्यूमेंट्री या वज्ञापन फिल्मों द्वारा टूरिस्ट प्लेस दिखते हैं व पर्यटन स्थल को प्रसिद्धि दिलाकर पर्यटकों को पर्यटन स्थल तक आने को मजबूर करते हैं।
यह सिद्ध हो चुका है कि फ़िल्में अन्य माध्यमों की तुलना में पर्यटन को सर्वाधिक प्रभावित करती हैं
फेसबुक में मोबाइल फ़िल्में मोबाईल व लाइव व कुछ कमजोरियां
उत्तराखंड संबंधी फेसबुक में भी बहुत सी हलचल होती रहती हैं। सभी सदस्य अपने अपने क्षेत्र की जाने अनजाने फिल्मों या फोटुओं द्वारा ब्रैंडिंग करते रहते हैं। आंतरिक पर्यटनविकास हेतु यह आवश्यक भी है. किन्तु मुझे भूगर्भशास्त्री दिनेश कंडवाल ने जितना प्रभावित किया है उतना किसी अन्य सदस्य ने नहीं किया है। दिनेश कंडवाल एक कुशल फोटोग्राफर तो है ही साथ में फोटो को आकर्षक कैप्सन देने में भी माहिर है तभी तो दिनेश के फेसबुकिया दोस्तों को साइकलबाड़ी के बारे में ज्इतने कम समय में ञान हो गया है। लघु स्तर पर प्लेस ब्रैंडिंग कैसी होती है दिनेश से सीखना चाहिए।
बहुत से सदस्य फोटो पोस्ट कर देते हैं किन्तु शीलरशकदेने पर परिश्रम नहीं करते हैं। बिना शीर्षक के फोटो या फिल्म ऐसी ही है जैसे एक मनुष्य बिना सिर के। दूसरा दिनेश कंडवाल जो भी फोटो पोस्ट करता है वह फोटोग्राफी कोण से या अन्य नजरिये से कुछ विशेष भी होता है। खिचड़ी छविकरण में प्रयोग नहीं की जाती है। एक सधे सब सध सिद्धांत भी लागू होता है
इतिहास के मामले में मनोज इष्टवाल की फ़िल्में त्वरित आकर्षित करने में सक्षम हैं। मनोज साथ में इतिहास वृत्तांत देकर क्षेत्र विशेष को वास्तव में अति विशेष बना देता है। डॉक्यूमेंट्री फिल्मों में भाषा असरदार होनी ही चाहिए। हाँ नेपथ्य की ध्वनियों पर अभी बहुत से लोगों का ध्यान कम ही गया है। नेपथ्य की ध्वनियाँ मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालने में कामगर सिद्ध होती हैं।
फेसबुक में ही हेमा उनियाल की फोटो भी स्थान ब्रैंडिंग हेतु कामयाब पोस्ट हैं। संस्कृति विशेष पोस्ट सदस्यों को आकर्षित करती ही हैं। हेमा उनियाल भी वृत्तांत देकर स्थान विशेष के प्रति आकर्षण पैदा करने में सक्षम है।
फेसबुक में लाइव पोस्ट
आजकल मुझे प्रत्येक दिन फेसबुक में लाइव पोस्ट भी आने लगी हैं और वास्तव में ये लाइव पोस्ट मुझे चिड़चिड़ा बना देती हैं। मैं यह समझ कर लाइव पोस्ट खोलता हूँ कि कुछ विशेष होगा किन्तु मित्र यही नहीं बताते की यह लाइव
किस स्थान का है
क्यों मैं अपना समय बर्बाद कर यह लाइव फिल्म देखूं ?
किस प्रयोजन से मुझे लाइव पोस्ट हो रही हैं
मेरे लिए क्या कार्य है (मुझे क्या ऐक्शन लेना है ?)