प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
270 से बिंडी गढ़वळि कथा रचंदेर : भीष्म कुकरेती
डा शांति स्वरूप भटनागर भारत क गर्व छन। डाक्टर शांति स्वरूप भटनागर को जन्म शाहपुर (वर्तमान पकिस्तान ) म 21 फरवरी 1894 कुण ह्वे। शांति स्वरूप जब आठ मैना का ही छा तब युंका पिता जी परमेश्वरि सहाय भटनागर को स्वर्गवास ह्वे गे। तो यूंक लालन पोषण ममाकोट म ह्वे। शांति स्वरूप क नाना जी एक इंजीनियर छा तो शांति स्वरूप को विज्ञान की ओर झुकावहूण ही छौ। बचपन म शान्ति स्वरूप तेन यांत्रिक खिलौना। एलेक्रॉनिक बैटरी , टेलीफोन बणान , रिपेयर करणों अभिरुचि छे। युवा शांति स्वरूप तै उर्दू कविता म भी रूचि छे।
डाक्टर भटनागर न 1913 म पंजाब युवर्सिटी से इंटरमीडिएट कार व बीएससी डिग्री फोर्मिन क्रिश्चियन कॉलेज से 1916 म उत्तीर्ण कार। द्वी कॉलेजों म डिमांस्ट्रेटर की नौकरी करदा करदा यूंन फारमन क्सीचियन कॉलेज से रसायन विज्ञान म एमएससी कार।
एमएससी करणो उपरान्तशांति स्वरूप 1921 म डॉक्टरेट करणो लंदन चल गेन। तख तौन डकॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त कार अर भारत ऐ गेन। डाक्टर शांति स्वरूप क कार्य चुंबकीय रसायन राय। भारत म तौन काशी विश्व विद्यालय म प्रोफेसर पद प्राप्त कार।
भटनागर न भौत सा शोध करिन अर शोध पत्र प्रकाशीर करिन। ब्रिटिश शासन न डाक्टर शांति स्वरूप भटनागर तै 1941 म नाइटहुड की उपाधि दे अर 1944 म डाक्टर शांति स्वरूप भटनागर तै फेलो ऑफ़ रॉयल सोसिटी चुने गे। डाक्टर भटनागर विज्ञान का शोध सामन्य मनुष्य हेति उद्योग का प्रबल समर्थक छा।
स्वतंत्रता उपरान्त सन 1947 भटनागर की अध्यक्षता म वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की स्थापना ह्वे। प्रौद्योगिकी प्रसार मयोगदान हेतु भटनागर सदा स्मरणीय छन।
डाक्टर शांति स्वरूप न कुल 12 राष्ट्रीय विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित करिन जौं मदे तौळ क संस्थान विशिष्ठ छन –
राष्ट्रीय मैटरलर्जी लेबोटरी जमशेदपुर
राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला नई दिल्ली
राष्ट्रीय रासायनिकी प्रयोगशाला पूना
केंद्रीय खाद्य प्रोसेसिंग प्रौद्योगिकी संस्थान मैसूर
केंद्रीय ईंधन संस्थान धन्यवाद
1954 म डाक्टर शांति भूषण भटनागर तैं पदम् भूषण उपाधि दिये गे। डाक्टर भटनागर क देहावसान हृदय गति रुकण से एक जनवरी 1955 म ह्वे।
डाक्टर शान्ति स्वरूप को सम्मान म कुचल वैज्ञानिकों हेतु भटनागर पुरुष्कार दिए जांद।