
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
महान वैज्ञानिक के एस कृष्णन (करियाम श्रीनिवास कृष्णन ) को जन्म एक ब्राह्मण परिवार म 4 दिसंबर 1898 को दिन वात्रप , तमिलनाडु म ह्वे। महान वैज्ञानिक के एस कृष्णन रमण प्रकीर्णन का सह शोध करता छा। ये शोध पर डाक्टर रमण तैं नोबल पुरुष्कार मील।
महान वैज्ञानिक के एस कृष्णन की प्रारम्भिक शिक्षा वात्रप म हिन्दू है स्कुल म ह्वे। यांको उपरान्त के कृष्णन न मदुरई अर मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज म अध्ययन कार। भौतिक विज्ञान म तौन डिग्री प्राप्त कार।
1920 म कृष्णन भारतीय विज्ञान संबर्धन संघ म सी वी रमन दगड़ कार्य हेतु कोलकता पंहुचीन। तख रमन प्रभाव की खोज म रमण क सहयोगी बणिन। 1928 म ढाका विश्व विद्यालय म रीडर नियुक्त ह्वेन। तख करितां क चुंबकीय गुणों पर कार्य शुरू कार। तब आशुतोष मुखर्जी शांति लाल बनर्जी , गुहा , को दगड़ मैगने क्रिस्टलीक ऐक्शन पर शोध कार जो रॉयल सोसिटी ऑफ़ लंदन म 1933 म छप।
1933 म वो कोलकत्ता ऐ गेन अर इंडियन असोसिएसन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस म भौतिक शास्त्र क प्रोफेसर नियुक्त ह्वेन। दसियों अनुशंधान तौन क्रिस्टल अर चुंबकीय शक्ति पर कार्य कार , तौंक नाम से चुंबक की संवेदनशीलता मापणो एक विधि नाम कृष्णन बनर्जी विधि पौड़।
संक्षेप म बुले जाय तो महान वैज्ञानिक क कार्य निम्न बिंडी प्रसिद्ध च
प्रथम शोध रमन प्रभाव
तब
क्रिस्टल चुंबकत्व
मैग्नेटो रसायन विज्ञान चुंबकीय
अर
क्रिस्टल की चुंबकीय विषमता मापणो तकनीक
क्रिस्टल की चुंबकीय विषमता मापणो तकनीक
महान वैज्ञानिक कृष्णन तैं निम्न सम्मान मील –
1940 म एफआरएस
1954 म पद्म भूषण (1954)
1946 म नाइट बैचलर
1958 म भटनागर पुरस्कार
1954 म पद्म भूषण (1954)
1946 म नाइट बैचलर
1958 म भटनागर पुरस्कार
कृष्णब भारतीय नेशनल फिजिकल लेबोटरी का प्रथम निदेशक छा।
महान वैज्ञानिक के एस कृष्णन को वैकुण्ठवास 14 जून 1961 कुण ह्वे।
महान वैज्ञानिक क सब कार्य/शोध लेख निम्न पुस्तक म मिल जांद –