
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचंदेर : भीष्म कुकरेती
भारत म धर्म , पंथ अर विज्ञान इकदगडी चलदो आज बि। भारत की भूमि पंडित, विद्वान , दर्शनशास्त्री , धर्मशास्त्री (समाज शास्त्री ), वैज्ञानिक, कृषि वैज्ञानिक, इंजीनियर , आयुर्वेद वैद्य, निघण्टु निर्माता, पैदा करणो एक उर्बरा भूमि च।
इनि भारत की देन च स्वर्गीय जगदीश चंद्र बोस जौन भारत को नाम जगम प्रसिद्ध कार।
जगदीश चंद्र बोस को जन्म फरीदपुर (ढाका ) म 30 नवंबर 1858 म ह्वे। ब्वेक नाम बामा सुंदरी बोस अर बुबाक नाम छौ भगवान चंद्र जो दीप्ती मजिस्ट्रेट छा।
जगदीश चंद्र बोस की शिक्षा ऊंक बुबा जीक खोलीं स्कूल म बंगाली माध्यम से ह्वे।
जगदीश चंद्र बोस न युबवर्सिटी कॉलेज लंदन बिटेन 1883 म BSc पास कार अर 1884 म कैंब्रिज बिटेन BA (प्राकृतिक विज्ञान ) पास कार।
वैज्ञानिक कार्य
जगदीश चंद्र वनस्पति शास्त्री , भौतिक वैज्ञानिक , जिव वैज्ञानिक अर विज्ञान कथा लेखक। छा।
जगदीश चंद्र न वायरलेस संचार क अन्वेषण कौर छौ जैपर इंस्टीट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग द्वारा ‘रेडिओ सांस क जनक ‘ की उपाधि मील।
जगदीश चंद्र बोस तैं ‘ माइक्रोवेव रेंजम चंबकीय शक्ति निर्माण करण वळ पैलो व्यक्ति मने जांद।
जगदीश चंद्र बोस तै आधुनिक भारतीय प्रयोगात्मक विज्ञान को विस्तारक मने जयांद।
जगदीश चंद्र बोस ‘बंगाली विञाक कथा ‘ क जनक बि छा।
जगदीश चंद्र बोसन ‘ बोस इंस्टीट्यूट ‘ की स्थापना कार।
जगदीश चंद्र न सिद्ध कार कि पादप अर पशुओ तै बि सुख अर दुःख अनुभव हूंद।
जगदीश चंद्र बोसन भौत सा उपकरणों की खोज /निर्माण कार।
जगदीश चंद्र बोस तैं 1917 म नाइट पुरुष्कार मील
बोस तैं 1920 म फेलो ऑफ़ रॉयल सोसाइटी क सदस्य्ता मील।
भौत सा विज्ञान संस्थानों क सदस्य बि छा।
हम सब भारतीयों तैं जगदीश चंद्र बोस पर गर्व छः।
जगदीश चंद्र बोस की मृत्यु 23 नवंबर 1937 कुण गिरीडीह (बिहार ) म ह्वे।