
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
डाक्टर आत्माराम सूक्ष्म दर्शी हेतु कांच निर्माण भारत म निर्माण प्रारम्भिकरण व उच्च शिक्षा में हिंदी प्रयोग का प्रयोग समर्थन हेतु प्रसिद्ध छन
सादा जीवन उच्च विचार अपनानण वाळ डाक्टर आत्माराम तैं गांधीवादी वैज्ञानिक भी बुल्दन। डाक्टर आत्माराम क जन पीलना , बिजनौर उत्तर प्रदेश में 12 अक्टूबर 1908 म ह्वे । वूंक बुबाजी पटवारी छा ।
डाक्टर आत्माराम न कानपुर बिटेन बीएससी अर प्रयागराज बिटेन एमएससी अर डीएससी डिग्री प्राप्त कार। प्रसिद्ध रसायनज्ञ डाक्टर एन आर धर को मार्गदर्शन म डाक्टर आत्माराम न सन 1936 म डीएससी डिग्री प्राप्त कार। आत्माराम . डाक्टर मेघनाद साह का बि प्रिय शिष्य छा.
डाक्टर आत्माराम तैं अपर फीस दीणों हेतु ट्युसन आदि करण पोडद छौ।
डीएससी करणों उपरान्त जॉब खुजण म भौत समस्या ऐन। पर डाक्टर आत्माराम न धैर्य नि छोड़। तौं तैं नया नया संस्थान इंडस्ट्रियल रिसर्च ब्यूरो (बाद म ऑटोनोमस संस्थान – कौंसिल ऑफ़ सांटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च CSIR बण ) म रिसर्च असिस्टेंट पद पर नियुक्ति मील। डाक्टर शान्ति स्वरूप भटनागर तब ये संस्थान को अध्यक्ष छा।
डाक्टर भटनागर आत्माराम को कठोर अनुशासन , परिश्रम व अग्निशामक हेतु देसी फ्यूण (indigenous foam ) खोज से अति प्रभावित ह्वेन।
सिरैमिक इंस्टीट्यूट निर्माण म डाक्टर आत्माराम कमेटी क सेक्रेटरी छा। कांच शोध हेतु डाक्टर आत्माराम न भारत भ्रमण कार। अर कांच निर्माण पर एक गहन रिपोर्ट दे।
सेंट्रल ग्लास ऐंड सिरैमिक रिसर्च सेंटर का सि प्रथम फाउंडर डाइरेक्टर बणाये गेन।
ये संस्थान म डाक्टर आत्माराम व टीम न ऑप्टिकल ग्लास निर्माण क भारतीय शैली को निर्माण कार अर आवश्यक फैक्ट्री उपकरण व मिट्टी गळाणो उपकरण भी शोध कार , कि भारत आत्म निर्भर ह्वे जा। तब से सूक्ष्म दर्शी व अन्य रक्षा उपकरणों हेतु कांच निर्माण भारत म शुरू ह्वे।
डाक्टर आत्माराम शाकाहारी व शराब से दूर रौण वळ व्यक्ति छा। विदेशी यात्राओं म यांसे दिक्क्त हूंदी छे किन्तु कभी भी शराब व मांश नि उपयोग कार।
कुछ मामलों म नेहरू अर आत्माराम मध्य मतभेद छा , नेहरू जी एटोमिक इनर्जी तेन बिंडी महत्व दींद छा।
डाक्टर आत्माराम विज्ञान की पढ़ाई हिंदी म करवाणो समर्थक छा।
डाक्टर आत्माराम तैं भटनागर सामान व पदम् श्री पुरूस्कार मील (1959 )
केंद्रीय हिंदी संस्थान प्रति वर्ष ‘आत्माराम ‘पुरूस्कार दींदी।
डाक्टर आत्माराम क नेहरू मध्य मतभेद को एक कारण आत्माराम को हिंदी प्रेम बि छौ बल। डाक्टर आत्माराम क संबंध भूतपुरब उत्तर प्रदेश मुख्य मंत्री चंद्र भानु गुप्ता अर प्रधान मंत्री मोरार जी देसाई से भौत भल छा। हिंदी म बातचीत बि एक कारण छौ संभवतया।
डाक्टर आत्माराम का वैकुण्ठवास दिल्ली म 6 फरवरी 1983 कुण ह्वे।