270 से बिंडी कहानी रचयिता : भीष्म कुकरेती
वींन सिरवणि तैं शक्ति से दबायी , म्यार फगोसन प्राण निकळण इ वाळ छा कि वींन थुड़ा सि हथ तैं हळको छ्वाड़ तो सांस लीणो अवसर मील। पर वा सांस लीणो अवसर अपर स्वार्थ हेतु दीणि छे।
वींन घरघराती ध्वनि म क्रोध मिश्रित भौण म ब्वाल ,” स्साले जयचंद क पुत्र। छल, कपटो , धूर्त ! मि तैं छलिक देकि इख डेनमार्क क गांव म आनंद लुटणु छे ?” वींन एक दैं हैंक सिरवणि पर जोर मार अर पुनः छोड़ दे। मृत्यु अर जीवित क मध्य झूलणु छौ मि। जरा सा सिरवणि अळग़ ह्वे तो मीन उत्तर दे , ” त्वै तैं अति भ्रम ह्वे। तेरी सौगंध मीन कतै धोका नि दे। …. “
रागिनी पाटिल न क्रोध , ब्वाल , ” पुनः झूठ ! कपटी ! छल कौरि बि अब बुलणी छे कपट नि कार। तो फिर तू तीन मैना पैल कख हर्ची गे छौ। “
कुछ समय चुप रैकि रागनी पाटल न ब्वाल , ” मि तै मध्य म छोड़ि तू भाजि गे अर बुबा न शक्ति बल पर म्यार ब्यौ राजस्थान क मुख्य मंत्री पुत्र से कर दे। ब्यौ कर्यां बीस दिन ह्वे गेन। पंदरा दिन से हम स्विटजरलैं , जर्मनी अर अब डेनमार्क म घुमणा छंवां पर एक दिन बि वैन प्रमाण नि दे कि कुछ ाँस बि वो पुरुष च। तू भजदि नि छे तो मि तैं यु नपुंषक नि मिल्दो। हमर वीसा तो स्विस , जर्मनी ही छौ पता नि मि तै क्या सूझी कि हॉट वाटर स्प्रिंग अनुभव हेतु मि जर्मनी से इक ऐ गेंवा अर तू मिल गे। “
मीन ब्वाल , ” कुछ समय पैल त्यार बुबा याने मुख्य मंत्री क गुर्गा मि तैं उठैक लैन। फ़ार्म हॉउस म मुख्य मंत्री पाटिल न धमकी दे , जु तीन द्वी दिन म भारत नि छोड़ि तो तेरी बि उनि गति ह्वेलि जन फलण प्रदेश क मुख्य मंत्री राधू यादव की बेटी शालनी क प्रेमी अभिषेक को ह्वे। वो तालाब म मोर तीन बीच सड़क म ट्रक क धक्का से मोरण अर आँतों म शराब बि मिलण। त्यार ब्वे बाब अर भुली -भाई आतंकवादियों तै सहायता दीण मा कैद ह्वे जाला। या आतंकवादी हि घोषित ह्वे जाल ” मीन बोलि पुनः बुलण शुरू कार , ” द्वी दिन तक मि अनिर्णय क झूला म झुलणु रौं। तिसर दिन समाचार मील कि पुलिस न म्यार घर कि तलासी ले। मि टुट गे छौ। फिर मि तैं त्यार बुबा क गुर्गा इख डेनमार्क छोड़ि चल गेन। बैंक म दस हजार पोंड बि। कि तू अपर पति दगड़ मिल गे बस। “
वींन ब्वाल , झूठ। तो मि तैं फोन कर लींदो। “
“फोन कखन कन छौ फोन तो त्यार बूबा क गुर्गों न ही ” मीन उत्तर दीणो प्रयत्न कार।
वा बड़ बड़ाण लग गे। मि फगोस न मरण इ वाळ छौ। मि शक्ति से चिल्लाणु छौ , ” मीन क्वी कपट नि कार। तेरी सौगंध मि कपटी नि छौं। सांस रुकणी छे अर म्यार सरा शरीर स्वेद से पूरो गिल्लु ह्वे गे छौ।
कि पत्नी न शक्ति से हलायी अर ब्वाल , “तुमकुण कथगा बोल याल डेनमार्क म बंदरमुख्या टोपी पैरिक सीणो आवश्यकता नी। किन्तु तुम छा कि अर सिंयां माँ टोपी तै नाक पर …जोर से दबाणा .. “
औ मि सुपिन दिखणु छौ। मुख्य मंत्री की बेटी रागनी क प्रेम कथा अब सुपिन म कैन सत्य ही ब्वाल बल “भूत (काल) पिंड नि छुड़द उन न्न तो अवचेतन अवस्था म ही आलो पर पुनः आलो ही । “