उत्तराखंड के ऐतिहासिक पात्रों की कहानियां श्रृंखला
270 से बिंडी गढ़वळि कथा रचंयिता : भीष्म कुकरेती
कप्तान फ्रेडरिक को महत्व आधुनिक उत्तराखंड इतिहास विशेषकर देहरादून अर मसूरी संबंध म भौत च। फ्रेडरिक यंग मसूरी संस्थापक , मसूरी म सर्वपर्थम ब्रिटिश कॉलोनी बसाण वळ मनिख छा। ईस्ट इण्डिया क अधिकारी छा जौन सिरमौर बटालियन (तदोपरांत गोरखा रेजिमेंट) की स्थापना भी करी छे। देहरादून /मसूरी म सर्वपर्थम अलु अर चा की प्रथम वार कृषि करण वळ बि कप्तान फ्रेडरिक यंग ही छा।
फ्रेडरिक यंग को जन्म आयरलैंड क एक प्रायद्वीप इनिशोवेन म एक पुरण थोकदार क घर 30 नवंबर 1786 म ह्वे।
यंग 15 वर्ष की आयु म भारत ऐ गे छौ अर ईस्ट इण्डिया कम्पनी क सेना म ध्वजवाहक क रूप म कार्य करण लग गे। शुरुवात म यंग न जनरल लेक क अंतर्गत मध्य भारत म कार्य कार अर दूसर आंग्ल – मराठा युद्ध (1803 -05 ) म भाग ले ।
इसके उपरान्त यंग सर गिलेस्पी क शेहक बणी। गिलेस्पी नेपाल -ब्रिटिश युद्ध नालापानी म युद्ध म मरे गे। यंग बि गुरख्यों कैद म रायीब्ल।
ब्रिटिश द्वारा गढ़वाल -कुमाऊं से गुरखों तै भगाणो उपरान्त यंग गढ़वाल म ब्रिटिश सेना क वरिष्ठ अधिकारी बण।
सन 1821 म यंग की कप्तान रूप म पदोन्नति ह्वे, 1826 म मेजर अर 1830 म लेफ्टिनेंट कर्नल। 1865 म जनरल पद मील। धर्मपत्नी क नाम छौ जीनेट जैम्सिना तौंक ब्यौ 1808 म बहरानपुर म ह्वे।
देहरादून हेतु 1829 म राजनैतिक एजेंट क रूप म कार्य कार व तख एक 3000 सैनिकों क रेजिमेंट भी स्थापित कार।
कर्नल यंग न ईस्ट इण्डिया की भौत स स्थानों जन तिसर मराठा युद्ध , वनस्पति शास्त्री हुक तैं छुडानो सिक्किम अभियान म दार्जिलिंग जाण , 1857 म ब्रिटिश अधिकारियों तै उत्तराखंड म शरण दिलवाण , सहारनपुर म गुज्जर राजा क विद्रोह ठंडो करण आदि कार्य करिन। गोरखा बटालियन (सिरमौर ) की शरुवात बि फ्रेडरिक यंग न कार।
गढ़वाल संबंध म यंग तै मसूरी बसाण , ब्रिटिश लॉज खुलण , शिकार या हंटिंग लॉज खुलणो हेतु , मसूरी म सनेटोरियम खुलणो , देहरादून मसूरी म सर्व प्रथम आलू की कृषि शुरू करण , हेतु याद करे जांद। ये क्षत्र म चाय बगीचा शुरू करणों श्रेय बि जनरल यंग तै जांद।
फ्रेडरिक यंग क देहावसान 88 क आयु म वैक शहर डबलिन म सन 1874 म ह्वे। यंग तै गढ़वळि वीरता व देहरादून म विकास सूत्र खुज्याणो याद करे जांद। मसूरी जन पर्यटन स्थल को संस्थापक रूप म बि याद करे जांद। मसूरी म यंग क घर को नाम छौ मलिंगर।