गुडिया /गुरिया (उखीमठ) में एक भवन पारम्परिक गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन अंकन
Traditional House wood Carving Art of Guriya , Ukhimath , Rudraprayag :
गढ़वाल के भवन (तिबारी, निमदारी, बाखली,जंगलेदार मकान, खोलियों ) में पारम्परिक गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन अंकन,-630
संकलन – भीष्म कुकरेती
रुद्रप्रायग भी चमोली की भांति भवन काष्ठ कला में विशेष स्थान वाला जनपद है। आज इसी क्रम में गुरिया /गुड़िया (उखीमठ ) के एक भवन की काष्ठ कला पर चर्चा की जाएगी।
प्रस्तुत गडिया /गरिया का भवन दुपुर व दुखंड है व अर्द्ध तिपुर लगता है (ढैपुर ) । भवन के तल तल (ग्राउंड फ्लोर ) में लकड़ी के सभी सपाट कला दिखती है। पहले तल में जंगला बंधा है। जंगले के १० बड़े स्तम्भ व छोटे जंगलों के लघु स्तम्भ में सभी में ज्यामितीय कटान कीकला दृष्टिगोचर हो रही है। बड़े स्तम्भों के मध्य गहरा कटान है जो स्तम्भों को आकर्षक दर्शाने में योग्य हैं।
गरिया /गडिया के पूरे भवन में ज्यामितीय कटान की काष्ठ कला विद्यमान है।
सूचना व फोटो आभार: अभिषेक रावत
* यह आलेख भवन कला संबंधी है न कि मिल्कियत संबंधी, भौगोलिक स्तिथि संबंधी। भौगोलिक व मिलकियत की सूचना श्रुति से मिली है अत: अंतर के लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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रुद्रप्रयाग , गढवाल तिबारियों , निमदारियों , डंड्यळियों, बाखलीयों ,खोली, कोटि बनाल ) में काष्ठ उत्कीर्णन कला /अलंकरण ,
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