कोलिंडा (बीरोंखाल , पौड़ी ) में ऋषभ जुयाल के भवन खोली में काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन
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Tibari, Traditional House Wood Art in House of, Kolinda , Beeronkhal Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन -639
संकलन – भीष्म कुकरेती
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Tibari, Traditional House Wood Art in House of, Kolinda , Beeronkhal Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन -639
संकलन – भीष्म कुकरेती
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बीरोंखाळ क्षेत्र से कई भवनों की सूची मिली हैं। आज इसी क्रम में कोलिंडा गाँव के स्व ऋषि देव जुयाल द्वारा निर्मित है। कोलिंडा गांव में यह दुसरे भवन की काष्ठ कला का अध्याय है। भवन दुपुर व दुखंड है व हमें केवल खोली का ही छायाचित्र मिल सका है। खोली आम गढ़वाली , कुमाउँनी खोली जैसे है। खोली के डॉन ओर स्तम्भ हैं। स्तम्भ तीन भागों के हैं दो सपाट व सबसे अंदर के स्तम्भ भाग के आधार में अधोगामी पद्म पुष्प , ड्यूल व उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल आकर का उत्कीर्णन हुआ है। स्तम्भ भाग ऊपर जाकर शीर्ष (मुरिन्ड या मथिण्ड ) का निर्माण करते हैं। मथिण्ड /मुरिन्ड में देव आकृति स्थापित है। मुरिन्ड या मथिण्ड के ऊपर भी एक कलयुक्त कड़ी है जो आकर्षक है। ऐसा लगता है शीर्ष कड़ी में ज्यामितीय कटान की कला दृष्टिगोचर हो रही है।
निष्कर्ष निकलता है कि कोलिंडा (बीरोंखाल , पौड़ी ) में ऋषभ जुयाल के भवन खोली में प्राकृतिक , ज्यामितीय व मानवीय अलंकृत काष्ठ कला मिली है।
सूचना व फोटो आभार: भगत सेमवाल
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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