
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
सांख्यिकीविद वसंत शंकर हजूरबाजार को नाम सांख्यिकी म बड़ो आदर से लिए जान्दो।
सांख्यिकीविद वसंत शंकर हजूरबाजार को जन्म कोल्हापुर म 15 सितंबर 1919 म शिक्षाप्रेमी परिवार म ह्वे छौ। सांख्यिकीविद वसंत शंकर हजूरबाजार न राजाराम हाई स्कुल से है स्कूल कार व म मुंबई यूनवर्सिटी से बीएससी अर वनारस विश्व विद्यालय से एमएससी (सांख्यिकी ) डिग्री अर्जित कार (1940 -41 ) । कैम्ब्रिज विश्व विद्यालय बिटेन सांख्यिकीविद वसंत शंकर हजूरबाजार न डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त कार।
सांख्यिकीविद डाक्टर वसंत शंकर हजूरबाजार पुणे विश्व विद्यालय क सांख्यिकी संस्थापक अध्यक्ष छा। तख डाक्टर हजुरबाजार न 1853 से 1976 तक कार्य कार। यांको उपरान्त 1976 -1979 तक सांख्यिकीविद डाक्टर वसंत शंकर हजूरबाजार न यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैनिटोबा म सांख्यिकी विभाग म अध्यापन कार व 1979 से 1991 तक यूनिवर्सिटी ऑफ़ डेनवेर , कोलोराडो म अध्यापन कार।
गौहाटी अर लखनऊ विश्व विद्यालय म बि अध्यापन कार।
सांख्यिकीविद वसंत शंकर हजूरबाजार कप ग्रंथ ‘सफिशिएंट स्टेटिस्टिक्स ‘ (1976 ) अति प्रशंसनीय व प्रचलित ग्रंथ च।
सम्मान
1974 म पद्म भूषण
भौत सी वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा सम्मानित व अमेरिकन स्टेटिस्टिकल असोसिएसन का फेलो।
महाराष्ट्र शासन न महाराष्ट्र नायक से सम्मानित कार
इंडियन नेशनल साइंस अकैडमी क फेलो
सेंत जौहन कॉलेज यूनिटेड किंगडम से आदम पुरूस्कार।
सांख्यिकीविद वसंत शंकर हजूरबाजार क देहावसान 15 नवंबर 1991 कुण ह्वे।
भारत म सांख्यिकी विषय प्रचार प्रसार अर जागरण म डाक्टर हजुरबाजार को महत्वपूर्ण योगदान च।