
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
अयोध्या प्रसाद खोसला एक इंजीनियर व एक राजनीतिज्ञ छा । अयोध्या प्रसाद खोसला को जन्म जालंधर म 1 दिसंबर 1892 कुण ह्वे। जलंदर से मैट्रिक करणों उपरान्त खोसला की शिक्षा भैर ह्वे। 1912 म अयोध्या प्रसाद खोसला न डी . ए वी कॉलेज लाहौर से बी ए होंर्स की डिग्री पास कार। थॉमसन कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ( IIT रुड़की ) से तौन सिविल इंजीनियरिंग डिग्री 1916 म प्राप्त कार।
अयोध्या प्रसाद खोसला न इंजीनियर डिग्री उपरान्त पंजाब पब्लिक वर्क्स को सिंचाई विभाग म सेवा शुरू कार। कुछ समय उपरान्त इंडियन सर्विस ऑफ़ इंजीनियर्स शुरू ह्वे तो अयोध्या प्रसाद खोसला न तख भाखड़ा नांगल डाम प्रोजेक्ट हेतु सर्वेक्षण अधिकारी रूप म कार्य कार (सितंबर 1917 से मार्च 1921 ) । ये समय वो इंडियन एक्शपेडिस्नरी फ़ोर्स म छा तो तख तौन एक खोसला डिस्क विकसित कार जो नदी व घाटी म प्रोजेक्ट हेतु उपयोगी सिद्ध ह्वे।
1921 – 1926 तक अयोध्या प्रसाद खोसला सुलेमान के बैराज निर्माण म कार्यरत रैन।
1931 म अयोध्या प्रसाद खोसला तै नदी , सुधार , जल भराव , डाम निर्माण तकनीक व योजना तै समझणो /अध्ययन हेतु यूरोप अर अमेरिका भिजे गे. तख बिटेन आणो उपरान्त खोसला सतलज घाटी नहर विभाग म सेवारत ह्वेन।
सन 1936 म अयोध्या प्रसाद खोसला क महत्वपूर्ण शोध लेख ‘ द डिजाइन ऑफ़ वियर्स ऑन परमिएबल फॉउंडेशन ‘ प्रकाशित ह्वे जैन साड़ी दुनिया म नदी बाँध संरचना गढ़न म क्रांतिकारी तकनीक सिद्ध ह्वे।
1945 म खोसला तै नयो नयो स्थापित सेंट्रल वाटर ऐंड पावर स्टेशन कमीशन को चेयरमैन नियुक्त करे गे।
पूना को रिसर्च स्टेशन तैं सेंट्रल वाटर ऐंड पावर स्टेशन म परिवर्तित करणों श्रेय बि खोसला जी तैं जांद।
खोसला जी न हीराकुंड दाम म योजना व कार्य रूप म कार्य बि कार।
भाखड़ा दाम कमीशन को वाइस चेयरमैन अर चेयरमैन बि 1963 तक रैन।
अयोध्या नाथ खोसला न भारत पाकिस्तान मध्य जल , नदी संधि अर वार्ता म मुख्य भूमिका निभायी।
सन 1954 -1959 तक रुड़की इंजीनियरिंग वि वि का कुलपति रैन।
वूं तैं 1954 म पद्म भूषण मील अर 1977 म पदम विभूषण
वो राज्य सभा क सदस्य बि रैन।
अयोध्या नाथ शिक्षा पैनल का योजना आयोग क अध्यक्ष बि रैन।
ओडीसा का राजयपाल बि (1962 -1966 -1968 रैन।
भौत सी फैकल्टी खुलणों श्रेय बि खोसला जी तैं जांद .
अयोध्या नाथ खोसला क देहावसान 1984 म ह्वे।