
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचंदेर : भीष्म कुकरेती
– मेघनाद साहा की कथा एक गांवो नौनू कन जगप्रसिद्ध महान वैज्ञानिक बण सकद की कथा च।
मेघनाद साहा एक महान , उच्चकोटि क भारतीय वैज्ञानिक छा जौं पर प्रत्येक भारतीय तैं गर्व च।
डाक्टर मेघनाद साहा क मुख्य विषय छा – तारा , परमाणु अर आयन छा।
डाक्टर मेघनाद साहा कनिम्न अन्वेषण प्रसिद्ध छन –
1 – तापमान सिद्धांत
2 -नापजन
3 – वर्ण पट्ट विज्ञान
4 – परमाणु रचना
5 – डाइरेक परमाणु सिद्धांत
डाक्टर मेघांड साहा ज जनम 6 अक्टूबर 1893 कुण एक छुट गां सेउड़ताली (जनपद ढाका बंग्लादेश ) म एक गरीब पंसारी जगनाथ साहा का इख ह्वे।मेघनाद आठ भाई छा। ब्वेक नाम भुवनेश्वरी देवी छौ।
मेघनाद की प्रारम्भिक शिक्षा गांव म ही ह्वे। मेघनाद पढ़न म सदा प्रथम आंद छा। तत्पश्चात मेघनाद तैमिडल करणो 14 मील दूर सिमुलिया जाण पोड़। पैल पैल मेघनाद पैदल जांद छा कुछ दिनों म डाक्टर आनंद दास क सहयोग से मेघनाद क वास प्रबंध सिमुलिया म ही ह्वे गे। इख मेघनाद डाकर दास क गौंडों क देखरेख करदा छा अर दास क घरेलू कार्य म सहायता दींद छा। मिडल स्कुल परिक्षा म मेघनाद ढाका जनपद म प्रथम ऐ।
मिडल स्कुल उपरान्त 1905 म मेघनाद न ढाकाकॉलेजिएट म प्रवेश ले। छात्रवृति तो मिलण छे। तख स्वतन्त्रता आंदोलनकारियों क सम्पर्क से तौन बंग भंग क विरोध कार अर तौंक छत्रवृति बंद कर दिए गे। तब ढाका क किशोरीलाल जुबली स्कूल संस्थान न सहयोग दे वो तख भर्ती ह्वेन अर छात्रवृति बि मिलण लग गए। भैजी जयनाथ बि सहायता करदा छा। इतिहास , संस्कृति , धर्म आदि ज्ञान हेतु मेघनाद न सभी धर्मों क ग्रंथ पढ़िन। एक प्रतियोगिता म मेघनाद तै बाइबल अर एक सौ रुपया भेंट म मिलेंन।
कोलकत्ता मेट्रिकुलेशन क प्रवेश परिक्षा म मेघनाद बंगाल म प्रथम ऐन।
छात्रवृति , इना उना क सहयोग से मेघनाद साहा न कोलकत्ता विश्वविद्यालय से गणित होंर्स म प्रथम श्रेणी म पास कार। 1915 म मेघनाद नकोलकत्ता विश्व विद्यालय बिटेन एमएससी प्रथम श्रेणी म पास कार।
निर्धनता दिखद मेघनाद न एमएससी उपरान्त भारतीय वित्त सेवा परीक्षा म बैठणो निर्णय ले किन्तु ब्रिटिश शासन न मेघनाद का आंदोलनकारियों से संबंध का कारण मेघनाद तै परिक्षा म बैठण से निषेध कर दे। तो कोलकत्ता म सि गणित क ट्युसन पढ़ाण लग गेन।
1916 म मेघनाद साहा तै उपकुलपति आशुतोष मुखर्जी न मेघनाद साहा तै गणित क अध्यपक नियुक्त कार पर विभागाध्यक्ष से नि निभ तो मेघनाद क स्थानांतर भौतिक विभाग म कौर दिये गे।
ये अंतराल म मेघनाद न भौतिक शास्त्र पढ़ाणो अतिरिक्त नया अनुसंधान को अध्ययन बि कार। दगड़ म जर्मन भाषा बि सीख अर आइंस्टीन क शोध लेख को अनुवाद अंग्रेजी म सतेंद्र नाथ क दगड़ मिलिक प्रकाशित कार।
मेघनाद साहा प्रथम वैज्ञानिक छा जौनएक सूक्ष्मग्राही उपकरण निर्माण कार अर सिद्ध कार कि प्रकाश किरणों पर भार हूंद। कोलकत्ता विश्व विद्यालय न ये अन्वेषण पर 1918 मा 25 वर्षीय मेघनाद साहा तैं डी एससी क उपाधि प्रदान कार।
डाक्टर मेघनाद न इलाहाबाद विश्व विद्यालय म बि अध्यापन कार।
रॉयल सोसिटी क फेलोशिप बि मील।
डाक्टर मेघनाद साहा कनिम्न अन्वेषण प्रसिद्ध छन –
1 – तापमान सिद्धांत
2 -नापजन
3 – वर्ण पट्ट विज्ञान
4 – परमाणु रचना
5 – डाइरेक परमाणु सिद्धांत
डाक्टर मेघनाद साहा क निधन 16 फरवरी 1956 म ह्वे।
मेघनाद क नाम पर कई पुरूस्कार छन वैज्ञानिकों कुण